झुंझुनूं: SDM बंशीधर योगी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, डिनर सेट सहित किया गिरफ्तार, कौन हैं एसडीएम बंशीधर योगी रिटायरमेंट से दो साल पहले गिरी गाज
राजस्थान के झुंझुनूं जिले से एक बहुत ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह अधिकारी कोई और नहीं बल्कि खेतड़ी के SDM (सुब डिवीजनल मजिस्ट्रेट) बंशीधर योगी हैं, जिनको एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इस मामले में आरोपी SDM ने एक व्यवसायी से कोर्ट के आदेश को लागू करने के बदले 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जो बाद में घटकर 3 लाख रुपये हो गई। इसके साथ ही, बंशीधर योगी को एक डिनर सेट भी रिश्वत के रूप में दिया गया था। इस पूरे मामले में जांच जारी है, और ACB अधिकारियों का कहना है कि इस घूसकांड को लेकर और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
मामले की शुरुआत: शिकायतकर्ता का आरोप
रिश्वत लेने की यह घटना एक भूमि विवाद से जुड़ी हुई है। आरोप है कि SDM बंशीधर योगी ने एक व्यवसायी से, जो दिल्ली का निवासी है, एक जमीन विवाद मामले में कोर्ट के आदेश को लागू करने के बदले रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि SDM ने उनसे पहले 5 लाख रुपये या 20 बीघा जमीन की मांग की थी, ताकि वह कोर्ट के आदेश को लागू कर सकें। जब शिकायतकर्ता ने कहा कि वह इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकते, तो आरोपी SDM ने राशि घटाकर 3 लाख रुपये कर दी।
शिकायतकर्ता ने इस सबको अपनी मजबूरी मानते हुए पहले ही 1 लाख रुपये आरोपी को दे दिए थे, लेकिन फिर भी वह पूरी रकम नहीं चुका पाई। इसके बाद, उसने एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी दी। एंटी करप्शन ब्यूरो ने शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई की और शिकायतकर्ता को SDM के पास एक बार फिर भेजा। इस बार शिकायतकर्ता के पास 2 लाख रुपये और एक क़ीमती डिनर सेट था।
ACB की कार्रवाई: जाल बिछाकर SDM को पकड़ा
शिकायत मिलने के बाद, एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले की जांच शुरू की और इसकी गंभीरता को देखते हुए एक स्पेशल यूनिट का गठन किया। ACB के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल अनिल कयाल ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अपनी टीम को दी। टीम में एडिशनल SP पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ को नियुक्त किया गया, जिन्होंने मामले की त्वरित और उचित जांच की।
शिकायतकर्ता को SDM बंशीधर योगी के पास भेजने के बाद, उसे 2 लाख रुपये और डिनर सेट दिए गए। जैसे ही शिकायतकर्ता ने उक्त रकम और डिनर सेट को SDM के पास सौंपा, वैसे ही ACB की टीम ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी SDM को रंगे हाथ पकड़ लिया।
रिश्वत लेने का तरीका और खुलासे
ACB की अधिकारियों के अनुसार, SDM ने घूस के रूप में 2 लाख रुपये के साथ-साथ एक क़ीमती डिनर सेट भी लिया था। यह मामला न केवल घूसखोरी की तरफ इशारा करता है, बल्कि इसने यह भी उजागर किया कि किस तरह भ्रष्टाचार के मामले में उच्च पदस्थ अधिकारी भी संवेदनहीन हो सकते हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, SDM ने रिश्वत की मांग के लिए शुरू में तो जमीन देने का दबाव डाला, और बाद में जब वह इस शर्त को पूरा नहीं कर सके, तो पैसों के बदले उन्हें कोर्ट का आदेश लागू करने के लिए रिश्वत दी।
इस पूरे मामले में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं हैं। पहली बार में SDM ने 5 लाख रुपये की मांग की थी, जो बाद में घटाकर 3 लाख कर दी। यह भी बताया गया कि पहले एक लाख रुपये भी उस व्यवसायी ने आरोपी अधिकारी को दे दिए थे। SDM बंशीधर योगी का यह कदम दिखाता है कि किस तरह से सरकारी अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और रिश्वत के जरिए अपने स्वार्थ को पूरा कर रहे हैं।
कौन हैं SDM बंशीधर योगी?
राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी बंशीधर योगी एक चर्चित नाम बन गए हैं, जब उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी ने न केवल उनके करियर पर सवालिया निशान लगाया, बल्कि सरकारी प्रशासन में बढ़ते भ्रष्टाचार को भी उजागर किया। योगी ने 2016 में सरकारी सेवा में कदम रखा था और अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
बंशीधर योगी का जन्म जयपुर के कालाडेरा इलाके में हुआ। उनकी शिक्षा और प्रारंभिक जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन वे एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं। योगी की पत्नी एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं, और वे खुद लंबे समय से सरकारी प्रशासन में सेवा दे रहे थे।
सेवा में प्रवेश: आर्मी कोटे से तहसीलदार बने
बंशीधर योगी ने 2016 में आर्मी कोटे के माध्यम से तहसीलदार के पद पर सरकारी सेवा में कदम रखा। उनका चयन उन पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित कोटे के तहत हुआ था, जो सेना से रिटायर होने के बाद प्रशासनिक सेवा में जुड़ते हैं।
प्रशासनिक करियर का सफर
योगी ने अपने प्रशासनिक करियर में राजस्थान के विभिन्न जिलों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
- तहसीलदार (2016)
2016 में तहसीलदार बनने के बाद, उन्होंने झुंझुनूं जिले के खेतड़ी में अपनी सेवा शुरू की। - RAS में प्रमोशन
प्रशासनिक कुशलता के आधार पर उनका प्रमोशन हुआ और वे राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में शामिल हुए। - खेतड़ी में पहली पोस्टिंग (2017-2019)
योगी ने पहली बार 2017 से 2019 तक खेतड़ी तहसीलदार के रूप में सेवा दी। - सूरजगढ़ और भिवाड़ी
इसके बाद, वे सूरजगढ़ और भिवाड़ी जैसे क्षेत्रों में तहसीलदार और उप पंजीयक के पदों पर कार्यरत रहे। - एसडीएम के रूप में नियुक्ति
RAS में प्रमोशन के बाद, उन्हें कई जगहों पर उपखंड अधिकारी (एसडीएम) के रूप में तैनात किया गया। इनमें सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, और अंततः खेतड़ी शामिल हैं। - खेतड़ी में दूसरी नियुक्ति (2024)
18 अक्टूबर 2024 को वे दूसरी बार खेतड़ी में एसडीएम के पद पर तैनात हुए।
व्यक्तिगत जीवन
योगी अपनी सरकारी सेवाओं के दौरान खेतड़ी के सरकारी आवास में अकेले रहते थे। उनकी पत्नी जयपुर में रहती हैं और एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। उनके परिवार और व्यक्तिगत जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनके अधिकतर कार्यकाल का केंद्र झुंझुनूं जिला रहा है।
रिटायरमेंट से पहले गिरी गाज
योगी का रिटायरमेंट दो साल बाद होना था, लेकिन रिश्वतखोरी के इस मामले ने उनके लंबे करियर पर पानी फेर दिया। गिरफ्तारी के समय वे पहले तो हंसते रहे, लेकिन पूछताछ के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। एसीबी ने जयपुर स्थित उनके घर पर भी छापेमारी की, जहां से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए।
खेतड़ी से खास रिश्ता
बंशीधर योगी का करियर भले ही कई जिलों में बंटा रहा हो, लेकिन खेतड़ी के साथ उनका गहरा रिश्ता है। 2017 से 2019 तक तहसीलदार के रूप में यहां सेवा देने के बाद, 2024 में उन्होंने फिर से यहां एसडीएम का पदभार संभाला