सैफ अली खान पर हमला: आरोपी की गिरफ्तारी और कई अनसुलझे सवाल… शिव सेना बोली ये बीजेपी का खेल

Zulfam Tomar
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saif ali khan news: मुंबई के बांद्रा इलाके में बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हुए हमले की कहानी जितनी सनसनीखेज है, उतनी ही संदेहों से भरी हुई भी। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को गिरफ्तार किया है, जो बांग्लादेश का नागरिक बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने फर्जी पहचान बनाकर खुद को विजय दास बताया था। लेकिन इस पूरे प्रकरण में कई ऐसे सवाल हैं, जो कहानी के तथ्यों और असलियत पर गंभीर शक पैदा करते हैं।

Contents
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी का घटनाक्रमघटना का विवरण: कैसे घुसा घर में आरोपी और क्या था प्लान? बांग्लादेश कनेक्शन समेत 8 बड़े खुलासे15 जनवरी की रात का घटनाक्रमपुलिस को कैसे मिली कामयाबी?हमलावर की पहचान और बांग्लादेशी कनेक्शनक्या यह एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश है?क्या आरोपी को जानबूझकर फंसाया गया?पुलिस के 8 बड़े खुलासेबांग्लादेशी कनेक्शन के बाद नेताओं में आरोप-प्रत्यारोपक्या अवैध घुसपैठ रोकने में नाकाम रही सरकार?बीएमसी चुनावों के कारण डर का माहौल पैदा करने का आरोपसैफ के घर में कैसे घुसा हमलावर?नैनी ने देखी संदिग्ध हरकतरेलवे स्टेशन से दूसरा संदिग्ध हिरासत मेंहमलावर की गतिविधियां और योजनाएंपुलिस का बयानलोगों के उठते सवाल और शकडॉक्टर की रिपोर्ट और इलाजपुलिस की भूमिका और जनता का अविश्वासविचार करने योग्य बातें

आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी का घटनाक्रम

बताया जा रहा कि मुंबई पुलिस ने 35 टीमें बनाकर और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ करने के बाद ठाणे के कसारवडवली इलाके में छुपे आरोपी को पकड़ा। आरोपी को झाड़ियों के नीचे छुपा हुआ पाया गया। पुलिस ने बताया कि शरीफुल 6  महीने पहले ही भारत आया था और फर्जी दस्तावेजों से यहां रह रहा था। उसके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम और अन्य कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

घटना का विवरण: कैसे घुसा घर में आरोपी और क्या था प्लान? बांग्लादेश कनेक्शन समेत 8 बड़े खुलासे

पुलिस ने खुलासा किया है कि शरीफुल ने चोरी के इरादे से सैफ के घर में प्रवेश किया था। बताया गया कि उसने चौकीदार को सोते हुए देखकर 11वीं मंजिल तक चुपचाप प्रवेश किया और डक्ट के रास्ते से अंदर घुसा। वहां से वह बाथरूम में छुप गया, लेकिन नैनी ने उसे देख लिया, जिसके बाद हमला हुआ। आइए, जानते हैं इस पूरे मामले की विस्तार से जानकारी।

15 जनवरी की रात का घटनाक्रम

15 जनवरी को रात ढाई बजे सैफ अली खान के बांद्रा स्थित अपार्टमेंट में घुसकर एक हमलावर ने उन पर चाकू से हमला किया। इस हमले में सैफ की रीढ़ की हड्डी के पास चाकू का एक हिस्सा फंस गया था, जिसे डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन के बाद निकाला। घटना के बाद मुंबई पुलिस ने 70 घंटे की खूब  तलाशी के बाद आरोपी को पकड़ने में सफलता पाई। पुलिस ने कुल 35 टीमें बनाईं और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की। साथ ही, सैफ के घर और आसपास के एरिया की सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के अलावा लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों के फुटेज भी खंगाले गए।

पुलिस को कैसे मिली कामयाबी?

शनिवार रात को पुलिस ने आरोपी को मुंबई के ठाणे में हीरानंदानी एस्टेट के पास झाड़ियों में सोते हुए गिरफ्तार किया।

बाइक के नंबर से सफलता: पुलिस को आरोपी के ठिकाने का पता तब चला जब एक गवाह ने बताया कि उसने आरोपी को वर्ली से ठाणे तक किसी अन्य व्यक्ति के साथ बाइक पर जाते देखा था। पुलिस ने बाइक के नंबर की जांच की और उसी के जरिए आरोपी तक पहुंचने में सफल रही।

हमलावर की पहचान और बांग्लादेशी कनेक्शन

मुंबई पुलिस ने आरोपी का असली नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद बताया है, जो बांग्लादेश का नागरिक है। वह अवैध रूप से भारत में घुसा था और किसी भी वैध दस्तावेज के बिना यहां रह रहा था।

क्या यह एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश है?

  1. पहला निशाना: सैफ अली खान वाला मामला भी निपट जायेगा और बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए के खिला माहोल भी बन जायेगा और इससे लोगो में ये संदेश जायेगा  है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए कितने खतरनाक हो सकते हैं कि वे अब सेलिब्रिटीज के घर में घुसकर हमला करने की हिम्मत कर रहे हैं।
  2. दूसरा निशाना: इस घटना को रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कठोर नीतियों और कार्रवाइयों के समर्थन में इस्तेमाल करना, ताकि जनता की सहमति से उन्हें देश से बाहर करने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।

क्या आरोपी को जानबूझकर फंसाया गया?

कुछ लोगों का मानना है कि यह मामला कहीं एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा तो नहीं, जहां असली अपराधी को बचाने के लिए बांग्लादेशी नागरिक को निशाना बनाया गया हो? पुलिस की जांच में बार-बार नाम और पहचान बदलने की बात आई है, लेकिन बिना ठोस सबूत के इन सवालों का जवाब मिलना मुश्किल है।

पुलिस के 8 बड़े खुलासे
  1. बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ: मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में अवैध रूप से दाखिल हुआ। उसके सभी दस्तावेज बांग्लादेशी हैं।
  2. चोरी के इरादे से घर में घुसा: आरोपी का मकसद सैफ अली खान के अपार्टमेंट में चोरी करना था।
  3. पहले भी मुंबई आ चुका था: आरोपी छह महीने पहले मुंबई आया था और आसपास के इलाकों में रहा। कुछ समय बाद वह लौट गया था।
  4. 15 दिन पहले फिर से लौटा: सैफ पर हमले से 15 दिन पहले वह दोबारा मुंबई लौटा और चोरी की योजना बनाई।
  5. बार-बार नाम बदलने की कोशिश: गिरफ्तारी के समय उसने खुद को विजय दास बताया। पूछताछ में उसने मोहम्मद आलियान नाम भी बताया, लेकिन असली नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद निकला।
  6. फर्जी पहचान के साथ रह रहा था: वह विजय दास के नाम से मुंबई में रह रहा था और बार-बार अपना ठिकाना और नाम बदल रहा था।
  7. पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज: आरोपी के पास कोई भारतीय दस्तावेज न होने के कारण पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
  8. भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला: मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 311, 312, 331(4), 331(6), और 331(7) के तहत केस दर्ज किया गया है।

    बांग्लादेशी कनेक्शन के बाद नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप

    सैफ अली खान पर हमले में बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद के पकड़े जाने के बाद से राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया है। इस घटना को लेकर नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगा दी है।

    शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत और उनके समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया है। राउत का कहना है कि अगर यह हमला और साजिश सचमुच उसी आरोपी ने रची है, जैसा कि पुलिस दावा कर रही है, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से गृह मंत्रालय की है। संजय राउत ने कहा कि देश में मौजूद सभी बांग्लादेशियों को बाहर किया जाना चाहिए, और इसकी शुरुआत बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से होनी चाहिए, जिन्हें शरण दी गई है।

    संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा,
     “बीजेपी वाले दावा कर रहे हैं कि सैफ अली खान पर हुआ हमला एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है। आखिर ये कैसी अंतरराष्ट्रीय साजिश है? यह एक अभिनेता पर हमला है, और लोगों को इसके पीछे की सच्चाई बताई जानी चाहिए। अगर आरोपी बांग्लादेशी है, तो इसके लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेदार है। गृह मंत्री अमित शाह को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।” “जब आरोपी अवैध तरीके से भारत में घुसा और मुंबई में छह महीने से अधिक समय तक रह रहा था, तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्या कर रहे थे? यह उनकी नाकामी को दिखाता है। अगर देश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की समस्या है, तो गृह मंत्रालय ने अब तक क्या कदम उठाए?”

    क्या अवैध घुसपैठ रोकने में नाकाम रही सरकार?

    यह सवाल भी उठ रहा है कि जब इतने लंबे समय से बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से देश में रह रहे हैं और अपराधों को अंजाम दे रहे हैं, तो क्या मौजूदा सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियां घुसपैठ रोकने में विफल रही हैं? विपक्ष का कहना है कि यदि पुलिस की कहानी सही है, तो यह गृह मंत्रालय की लापरवाही का परिणाम है।

    बीएमसी चुनावों के कारण डर का माहौल पैदा करने का आरोप

    संजय राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव के मद्देनजर जानबूझकर डर का माहौल बना रही है। उन्होंने कहा, “जब हम संसद में बांग्लादेशियों के मुद्दे पर बोलना चाहते थे, तब बीजेपी ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों का हवाला देते हुए हमें रोक दिया था। अब वे खुद इस मुद्दे का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।”

    राउत ने  सैफ अली खान के बेटे तैमूर को लेकर भी बीजेपी पर तंज कसा। राउत ने कहा कि पहले तैमूर के बारे में बुरा-भला कहा गया, लेकिन अब वह पीएम मोदी के लिए प्यार का प्रतीक बन गए हैं। ये बीजेपी का खेल है बीजेपी वाले ढोंगी है

    इस मामले में मुंबई की अदालत ने रविवार को आरोपी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय साजिश से जुड़ी दलील को नकारा नहीं किया जा सकता है। पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपी बांग्लादेशी नागरिक है और उसके हमले के कारणों की जांच की जा रही है।

सैफ के घर में कैसे घुसा हमलावर?

“आजतक” की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमलावर मोहम्मद ने 16 जनवरी की रात बिल्डिंग के चौकीदार को सोते हुए देखा। वह छिपते-छिपाते 11वीं मंजिल तक पहुंचा और वहां से डक्ट के शाफ्ट में घुसा। डक्ट से होते हुए वह 12वीं मंजिल पर सैफ अली खान के फ्लैट में दाखिल हुआ। घर में घुसने के बाद वह बच्चों के कमरे के पास स्थित बाथरूम में छिप गया।

नैनी ने देखी संदिग्ध हरकत

जब आरोपी बाथरूम में छिपा हुआ था, तब बच्चों की नैनी ने उसे देख लिया। उसकी चीख-पुकार सुनकर घर के अन्य सदस्य जाग गए और सिक्योरिटी को बुलाया गया। लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था।

सैफ अली खान के अपार्टमेंट की छठी मंजिल के सीढ़ियों में लगे सीसीटीवी कैमरे में हमलावर को देखा गया, जो घटना के बाद भागता हुआ नजर आया। यह फुटेज सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे पुलिस को मामले की कड़ियां जोड़ने में मदद मिली
सैफ अली खान के अपार्टमेंट की छठी मंजिल के सीढ़ियों में लगे सीसीटीवी कैमरे में हमलावर को देखा गया, जो घटना के बाद भागता हुआ नजर आया।

रेलवे स्टेशन से दूसरा संदिग्ध हिरासत में

इस घटना में एक और संदिग्ध को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने गिरफ्तार किया। यह संदिग्ध, आकाश कैलाश कन्नौजिया (31), जनशताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था। वह पहले भी सैफ अली खान के अपार्टमेंट की सीढ़ियों पर सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया था।रेलवे स्टेशन से दूसरा संदिग्ध हिरासत में इस घटना में एक और संदिग्ध को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने गिरफ्तार किया। यह संदिग्ध, आकाश कैलाश कन्नौजिया (31), जनशताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था। वह पहले भी सैफ अली खान के अपार्टमेंट की सीढ़ियों पर सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया था।रेलवे स्टेशन से दूसरा संदिग्ध हिरासत में इस घटना में एक और संदिग्ध को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने गिरफ्तार किया। यह संदिग्ध, आकाश कैलाश कन्नौजिया (31), जनशताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था। वह पहले भी सैफ अली खान के अपार्टमेंट की सीढ़ियों पर सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया था।

हमलावर की गतिविधियां और योजनाएं

पुलिस के अनुसार, आरोपी मोहम्मद पहले एक हाउसकीपिंग एजेंसी में काम करता था। इसी दौरान उसे बांद्रा स्थित सतगुरु शरण बिल्डिंग में काम करने का मौका मिला था। हालांकि, पुलिस का दावा है कि वह पहली बार सैफ के घर घुसा।

पुलिस का बयान

डीसीपी दीक्षित गेडम ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है और उसे जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस आरोपी की गतिविधियों और अन्य कनेक्शनों की जांच में जुटी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह किसी अन्य आपराधिक गतिविधि में भी शामिल था।

लोगों के उठते सवाल और शक

हालांकि, घटना के इस विवरण के साथ ही सोशल मीडिया और पब्लिक प्लेटफॉर्म्स पर लोग कई सवाल उठा रहे हैं:

  1. सीसीटीवी फुटेज में बस एक संदिग्ध दिखा, लेकिन आरोपी दो क्यों पकड़े गए?
    पुलिस ने दावा किया कि चक्कू से हमला करने वाला व्यक्ति फुटेज में जीने से भागता हुआ दिखा, लेकिन एक आरोपी को छत्तीसगढ़ से पकड़ा गया है और एक को ठाणे से। क्या यह कहानी में नई कड़ियां जोड़ने का प्रयास है? अब खरबर आ रही है कि जो आरोपी छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया था उसको अब छोड़ा जायेगा
  2. सुरक्षा में चूक और बिल्डिंग का रिकॉर्ड सिस्टम
    जिस इमारत में घटना हुई, वहां आने-जाने वालों का कोई सुरक्षा रिकॉर्ड या रजिस्टर नहीं है। इससे सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े होते हैं।
  3. कहानी में विरोधाभास
    पहले बताया गया कि आरोपी ने सिर्फ चोरी के लिए घुसपैठ की थी। लेकिन जब सैफ अली खान पर हमला किया गया, तो यह महज चोरी की कोशिश नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश की तरह लगती है।
  4. क्या हमला अंदर के किसी व्यक्ति ने किया?
    कई लोगों का मानना है कि यह हमला किसी करीबी व्यक्ति का काम हो सकता है और पुलिस असली आरोपी को बचाने के लिए कहानी बना रही है

डॉक्टर की रिपोर्ट और इलाज

सैफ अली खान को हमले के तुरंत बाद ऑटो में अस्पताल ले जाया गया। लीलावती अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर से चाकू के टुकड़े निकाले। सवाल यह है कि अगर हमला इतना गंभीर था, तो पुलिस को सूचना क्यों देर से मिली?

पुलिस की भूमिका और जनता का अविश्वास

पुलिस पर झूठे मामलों में आरोप कबूलवाने के लिए दबाव डालने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। हजारों उदाहरण हैं, जब पुलिस ने किसी निर्दोष को फंसाया और बाद में मामला झूठा निकला। ऐसे में इस मामले में भी यह संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह भी पढ़ो : महाकुंभ 2025 में नागा साधुओं की नग्नता को सम्मानित करने वाला समाज बिकिनी पहनने वाली महिलाओं को क्यों अश्लील मानता है? ‘पठान’ मूवी विवाद से लेकर दोहरे मानदंडों पर गहन विश्लेषण। जानिए धर्म, संस्कृति और समाज के इस विरोधाभास पर विस्तृत चर्चा।

विचार करने योग्य बातें

  • क्या आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम ने सच में अपराध किया है, या पुलिस ने जबरन कबूल करवाया?
  • क्या अवैध प्रवासियों का मुद्दा महज एक बहाना है?
  • क्या किसी अंदरूनी व्यक्ति को बचाने के लिए यह कहानी गढ़ी जा रही है?
  • पुलिस का हर पहलू की जांच किए बिना कहानी पर मुहर लगाना क्या न्यायोचित है?

सैफ अली खान अब  ठीक है और अपने घर आ गये है उन पर हमला एक गंभीर घटना है, लेकिन इस मामले में जिस तरह से कहानी को आगे बढ़ाया जा रहा है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जनता को पूरा सच जानने का अधिकार है। हम यह देखेंगे कि जांच कहां तक जाती है और क्या सच्चाई सामने आती है या नहीं।

आप इस मामले में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में बताएं।

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