प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन अपने चरम पर था, लेकिन मंगलवार-बुधवार की रात अचानक भगदड़ मचने से स्थिति गंभीर हो गई। बताया जा रहा है कि बुधवार को सुबह 1-2 बजे के बीच महाकुंभ में हुई भगदड़ में लगभग 35-40 लोगों की मौत हो गई है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने 30 मौत पुष्टि की है। डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने कहा, 25 लोगों की पहचान की गई है और शेष 5 की पहचान की जा रही है।” उन्होंने कहा कि लगभग 90 घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 30 की मौत हो गई।100 से अधिक लोग लापता है उधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची है।
महाकुंभ भगदड़ पर CM योगी हुए भावुक, 30 मौतों की पुष्टि
महाकुंभ में भगदड़ से मची अफरा-तफरी पर CM योगी आदित्यनाथ भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 घायलों का इलाज प्रयागराज के अस्पताल में चल रहा है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹25-25 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है।
सीएम योगी ने घटना की न्यायिक जांच कराने का फैसला लिया है। इसके लिए जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय आयोग गठित किया गया है।
CM ने बताया कि सरकार पूरी घटना पर मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम, मुख्य सचिव कंट्रोल रूम और DGP कंट्रोल रूम के जरिए लगातार नजर बनाए हुए है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रेल मंत्री और राज्यपाल समेत तमाम शीर्ष नेतृत्व से लगातार दिशा-निर्देश मिल रहे हैं।
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कैसे हुआ हादसा? ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रात करीब डेढ़ बजे संगम नोज के पास श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। अचानक किसी अफवाह के चलते अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। बताया जा रहा है कि कुछ महिलाएं भीड़ में गिर गईं और अन्य लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ते गए। हादसे के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गई और माहौल भयावह हो गया।


यह भगदड़ दो मुख्य कारणों से हुई:
- अमृत स्नान के कारण पांटून पुल का बंद होना: इस कारण संगम पर पहुंचने वाली विशाल भीड़ एक जगह पर एकत्र हो गई। पांटून पुल के बंद होने से लोग संगम के पास इकट्ठा होते गए, जिससे बैरिकेड्स में फंसे कुछ लोग गिर पड़े। यह घटना देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई और स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
- एंट्री और एग्जिट रास्तों का एक जैसा होना: संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस लौट रहे थे। इस स्थिति में भगदड़ के दौरान भागने का कोई रास्ता नहीं था। लोग एक-दूसरे पर गिरते गए, जिससे भगदड़ और बढ़ गई।
दैनिक भास्कर के ग्राउंड रिपोर्टर के अनुसार:
- भगदड़ के कारण कई श्रद्धालु नीचे गिर गए और उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला।
- आनन-फानन में 70 से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
- स्वरूपरानी अस्पताल में 14 शवों का पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन प्रशासन ने आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया।
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है।
शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।
इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2025
सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत अधिकारियों के साथ बैठक की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की और अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा।
सीएम योगी ने कहा,
“महाकुंभ में स्नान के लिए प्रशासन ने कई घाट बनाए हैं, श्रद्धालु वहीं पर स्नान करें। संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन की ओर से दी गई गाइडलाइंस का पालन करें और भीड़ को नियंत्रित करने में सहयोग करें।”
इस घटना के बाद प्रशासन की ओर से संगम नोज पर आम लोगों की एंट्री रोक दी गई। अब वहां सिर्फ सुरक्षा बल और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं।
महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए।
‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2025
Akhilesh Yadav
महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि!
हमारी सरकार से अपील है कि:
– गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
– मृतकों के शवों को चिन्हित… pic.twitter.com/xZcaU940cO— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2025
@yadavakhilesh
महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! हमारी सरकार से अपील है कि: – गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। – मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। – जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। – हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। – सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।
महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोगों के घायल होने का समाचार बेहद हृदयविदारक है।
श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं।
आधी अधूरी व्यवस्था,…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) January 29, 2025
प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुम्भ में हुई भगदड़ में, जिन भी श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवाई है व घायल हुये है। यह घटना अति-दुःखद व चिन्तनीय। ऐसे समय में कुदरत पीडि़तों कोे इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना।
— Mayawati (@Mayawati) January 29, 2025
मैंने सोचा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, जो लंबे समय तक धार्मिक कार्यों से जुड़े रहे, कम से कम धार्मिक आयोजनों को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न करवा पाएंगे। लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी। योगी सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया, जिससे…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 29, 2025
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया और केंद्र सरकार की नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया और उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से भी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
धर्मगुरुओं की अपील: संयम बरतें, अफवाहों से बचें
महाकुंभ में शामिल हो रहे कई धर्मगुरुओं ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है।
#WATCH | #महाकुंभ2025 | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, “जो घटना हुई उससे हम बहुत दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे… जनहित में हमने फैसला किया कि अखाड़े आज स्नान में भाग नहीं लेंगे… मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आज के… pic.twitter.com/eyIaa2JbVG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2025
#WATCH | #MahaKumbh2025 | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: साध्वी निरंजन ज्योति ने महाकुंभ क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना पर कहा, “यह दुखद घटना है। जो भी हुआ वो ठीक नहीं हुआ। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान को रद्द करने का फैसला लिया है…” pic.twitter.com/NeRkKFL4Yg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2025
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा:
“संगम में स्नान को लेकर आग्रह छोड़ दें और अपने नजदीकी घाट पर ही स्नान करें। किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें।”
बाबा रामदेव ने कहा:
“हमने सांकेतिक स्नान किया है और राष्ट्र-कल्याण की कामना की है। किसी भी प्रकार की भीड़ बढ़ाने या भगदड़ की स्थिति बनाने से बचें।”
अखाड़ों की बैठक और आगे की रणनीति
भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन ने अखाड़ों से अमृत स्नान रद्द करने का अनुरोध किया। शुरुआत में सभी 13 अखाड़ों ने इसे मान लिया, लेकिन बाद में बैठक के बाद यह तय किया गया कि सुबह 10 बजे के बाद अमृत स्नान किया जाएगा।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा,
“महाकुंभ में इस वक्त 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु हैं, भीड़ को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण है। हमारी प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा है।”
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, अब हेलिकॉप्टर से निगरानी
प्रशासन ने घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है।
- NSG कमांडो ने संगम तट पर मोर्चा संभाल लिया है।
- प्रयागराज शहर में बाहरी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।
- हेलिकॉप्टर से पूरे मेले की निगरानी की जा रही है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
श्रद्धालुओं की संख्या और सुरक्षा की चुनौती
महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान होने के कारण मंगलवार को करीब 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। प्रशासन का अनुमान है कि पूरे दिन में 8 से 10 करोड़ लोग विभिन्न घाटों पर स्नान कर सकते हैं। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
महाकुंभ में भगदड़ की घटनाएं नई नहीं हैं। 2013 के महाकुंभ में भी रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 36 लोगों की मौत हुई थी। इसी तरह 1954 में हुए महाकुंभ में भी 800 से ज्यादा लोग भगदड़ की चपेट में आए थे। हर बार बड़े आयोजन में लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं।
क्या प्रशासन से हुई चूक?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कई सवाल उठ रहे हैं:
- क्या प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने के लिए और सख्त कदम उठाने चाहिए थे?
- क्या श्रद्धालुओं को पहले से बेहतर ढंग से मार्गदर्शन दिया जा सकता था?
- क्या सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही ऐसे हालात के लिए अलर्ट रहना चाहिए था?
फिलहाल क्या हो रहा है?
- घटनास्थल पर अब भी सुरक्षा बल तैनात हैं और आम लोगों की एंट्री बंद है।
- प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है।
- श्रद्धालुओं से संयम और अनुशासन बनाए रखने की अपील की जा रही है।
- हेलिकॉप्टर से भीड़ की निगरानी की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।
आगे क्या होगा?
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
- केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर रख रही है और रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
- आने वाले दिनों में कुंभ मेले की सुरक्षा को लेकर और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
महाकुंभ आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा पर्व है, लेकिन हर बार भीड़ की अनियंत्रित स्थिति से श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं। इस बार भी हादसे ने कई लोगों की जान ले ली और कई परिवारों को गमगीन कर दिया। अब देखना यह होगा कि प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।