ट्रंप का भारत पर निशाना: ‘जैसे को तैसा’ नीति अपनाने का संकेत
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी टैरिफ को लेकर कनाडा, मेक्सिको, चीन और ब्राजील के साथ-साथ भारत की व्यापार नीतियों को लेकर तीखे बयान दिए हैं। उन्होंने भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगाने का आरोप लगाया और इसे अस्वीकार्य बताया। ट्रंप ने संकेत दिया कि यदि भारत अपनी मौजूदा नीतियों में बदलाव नहीं करता, तो अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई करेगा।
मार-ए-लागो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप का बयान
सोमवार को मार-ए-लागो में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने व्यापारिक संतुलन पर जोर देते हुए कहा, “अगर वे हम पर टैक्स लगाते हैं, तो हम भी उन पर उतना ही टैक्स लगाएंगे।” उन्होंने दावा किया कि भारत कई अमेरिकी उत्पादों पर 100 से 200 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका इसके मुकाबले में कोई टैक्स नहीं लगाता। ट्रंप ने साफ तौर पर कहा कि यह स्थिति अब लंबे समय तक नहीं चल सकती और इसे बदलने की जरूरत है।
डेट्रॉइट कार्यक्रम में भारत और चीन की आलोचना
डेट्रॉइट में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने चीन और भारत दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “चीन हमारे सामानों पर 200 प्रतिशत तक टैरिफ लगाता है और भारत कुछ मामलों में इससे भी अधिक शुल्क वसूलता है। यह किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
‘जैसे को तैसा’ नीति की तैयारी
ट्रंप ने भारत की व्यापार नीति को अनुचित बताते हुए कहा कि वह अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगाने वाले देशों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “अमेरिका अब ऐसे देशों के लिए ‘जैसे को तैसा’ की नीति अपनाएगा।”
पहले भी भारत पर कर चुके हैं तीखी टिप्पणियां
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों की आलोचना की है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने भारत पर अनुचित व्यापार प्रथाओं का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि भारत जैसे देश अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगाकर अनुचित लाभ उठाते हैं, जबकि अमेरिका अपने बाजारों को खुला रखता है।
क्या है भारत-अमेरिका व्यापार विवाद?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद लंबे समय से चल रहा है। अमेरिका का आरोप है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, कृषि उत्पादों और अन्य आयातित वस्तुओं पर अत्यधिक टैरिफ लगाता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है। दूसरी ओर, भारत का तर्क है कि उसकी नीतियां विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत हैं और घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए आवश्यक हैं।
ट्रंप की रणनीति का प्रभाव
ट्रंप के इन बयानों से यह साफ है कि अगर वह आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद भी इस नीति पर कायम रहते हैं, तो भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। उनकी ‘जैसे को तैसा’ नीति न केवल भारत, बल्कि अन्य देशों के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के ये बयान भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में नया मोड़ ला सकते हैं। हालांकि, यह देखना होगा कि भारत इन आरोपों का किस प्रकार जवाब देता है और दोनों देश अपने व्यापारिक हितों को किस प्रकार संतुलित करते हैं।