राजस्थान में STआरक्षण पर नई जंग, डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत की मांग: 4 सब कैटेगिरी में बंटे आरक्षण

Rajkumar Roat @roat_mla अनुसूचित क्षेत्र आरक्षण मोर्चा के बैनर तले बांसवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित। मुख्य रूप से राज्य में क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण का बंटवारा कर अनुसूचित क्षेत्र के ST अभ्यर्थियों को प्रशासनिक सेवाओं में प्रतिनिधित्व देने, अनुसूचित क्षेत्र में आरक्षण संबंधी विसंगतियों को दूर करने सहित कुल 31 सूत्री मांगपत्र राज्यपाल महोदय एवं मुख्यमंत्री

जयपुर: राजस्थान में एसटी (अनुसूचित जनजाति) आरक्षण के वर्गीकरण को लेकर बहस तेज हो गई है। इसको लेकर उन्होंने 5 जनवरी को रेली भी की   डूंगरपुर-बांसवाड़ा से सांसद और आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता राजकुमार रोत ने एसटी आरक्षण को चार अलग-अलग श्रेणियों में बांटने की मांग की है। इस मुद्दे पर उनकी राय और तर्कों को समझने के लिए  संवाददाता सौरभ भट्ट ने उनसे विस्तार से बातचीत की। आएये जानते है Scheduled Tribe (ST) castes in Rajasthan

सवाल 1: राजस्थान में एसटी आरक्षण को 4 सब कैटेगिरी में बांटने की आपकी मांग क्या है और क्यों जरूरी है?

सांसद राजकुमार रोत ने कहा, “यह मांग कोई नई नहीं है। लंबे समय से एसटी समुदाय यह चाहता है कि राजस्थान में आरक्षण को क्षेत्रीय आधार पर चार सब कैटेगिरी में विभाजित किया जाए। हमारा कहना है कि आरक्षण का विभाजन जातीय आधार पर नहीं बल्कि क्षेत्रीय आधार पर होना चाहिए। पूर्व में जातीय आधार पर भील, मीना, सहरिया, गरासिया, दामोर, धनका, नायक, पटेलिया सहित 12 सब कैटेगिरी बनाई गई थीं। इससे जातीय संघर्ष की स्थिति पैदा होती है। हमारा सुझाव है कि आरक्षण को चार प्रमुख श्रेणियों में बांटा जाए—अनुसूचित क्षेत्र, डेजर्ट क्षेत्र, हाड़ौती क्षेत्र, और गैर-अनुसूचित क्षेत्र।”

सवाल 2: क्या क्षेत्रीय आधार पर शेड्यूल एरिया और नॉन-शेड्यूल एरिया में कोई बदलाव की मांग की जा रही है?

इस सवाल पर उन्होंने कहा, “हां, हम चार सब कैटेगिरी की मांग कर रहे हैं। इसमें शेड्यूल एरिया और नॉन-शेड्यूल एरिया के अलावा, मरूस्थलीय (डेजर्ट) क्षेत्र और चंबल के पास हाड़ौती क्षेत्र को भी शामिल किया जाना चाहिए। इन सभी क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय की अलग-अलग समस्याएं हैं, इसलिए इन्हें क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण में अलग श्रेणी दी जानी चाहिए।”

सवाल 3: वर्तमान में एसटी के लिए 12% आरक्षण है। आप इस आरक्षण को कैसे विभाजित करना चाहते हैं?

सांसद ने बताया, “हमारी मांग है कि 12% आरक्षण को क्षेत्रीय आधार पर विभाजित किया जाए। इसमें से 6 से 6.5% अनुसूचित क्षेत्र को, 2.5% डेजर्ट क्षेत्र को, 1.5% हाड़ौती क्षेत्र को, और शेष राजस्थान के एसटी समुदाय को ओपन एरिया आरक्षण दिया जाए। इसके लिए इन क्षेत्रों की स्पष्ट अधिसूचना (नोटिफिकेशन) की आवश्यकता है। मरूस्थलीय क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को अलग से पहचानना जरूरी है, क्योंकि यहां जनजातीय आबादी बहुत बड़ी संख्या में है।”

सवाल 4: कोटे में कोटा की मांग क्यों की जा रही है? क्या आपके पास इस मांग के समर्थन में कोई स्टडी रिपोर्ट है?

उन्होंने कहा, “यह मांग मैं लंबे समय से उठा रहा हूं। टीएसपी (ट्राइबल सब प्लान) क्षेत्र में आरक्षण के तहत 45% वैकेंसी एसटी के लिए, 5% एससी के लिए, और शेष 50% ओपन कैटेगिरी के लिए होती है। 2013 से अब तक कांस्टेबल भर्ती में टीएसपी क्षेत्र के लिए 2400 पद निकाले गए। अगर 12% आरक्षण के हिसाब से देखें, तो हमें 1040 पद मिलना चाहिए था, लेकिन केवल 828 पद ही दिए गए। इसी तरह आरएएस भर्ती में भी टीएसपी क्षेत्र के अभ्यर्थियों को समान अवसर नहीं मिला। 2013 से 2018 तक की भर्तियों में आरएएस पदों के लिए टीएसपी क्षेत्र के बच्चों को सिर्फ तहसीलदार के पद दिए गए, जबकि नॉन-टीएसपी क्षेत्र में उच्च पद उपलब्ध थे। यह भेदभाव खत्म करने के लिए कोटे में कोटा जरूरी है।”

सवाल 5: कोटे में कोटा की मांग पर एसटी वर्ग के भीतर विरोध की संभावना है?

इस सवाल पर सांसद ने कहा, “विरोध की आशंका को लेकर लोग सवाल उठाते हैं, लेकिन हमें एक न्यायसंगत व्यवस्था चाहिए। क्षेत्रीय विविधताओं को समझना और उन्हें मान्यता देना जरूरी है। मरूस्थलीय क्षेत्र, हाड़ौती क्षेत्र, और अन्य गैर-अनुसूचित क्षेत्र में रह रहे आदिवासी समुदायों की समस्याएं अलग-अलग हैं। इसलिए आरक्षण का क्षेत्रीय आधार पर वर्गीकरण जरूरी है, ताकि हर क्षेत्र को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।”

अब जानिए राजस्थान में STआरक्षण में कितनी

Scheduled Tribes in Rajasthan

1.         Bhil, Bhil Garasia, Dholi Bhil, Dungri Bhil, Dungri Garasia, Mewasi Bhil, Rawal Bhil,

Tadvi Bhil.Bhagalia,Bhilala,Pawra,Vasava

2.         Bhil Mina.

3.         Damor, Damaria.

4.         Dhanka, Tadvi, Tetaria, Valvi.

5.         Garasia (Excluding Rajput Garasia.)

6.         Kathodi, Katkari, Dhor Kathodi, Dhor Katkari, Son Kathodi, Son Katkari.

7.         Kokna, Kokni, Kukna.

8.         Koli Dhor, Tokre Koli, Kolcha, Kolgha.

9.         Mina

10.       Naikda, Nayaka, Cholivala Nayaka, Kapadia Nayaka, Mota Nayaka,

Nana Nayaka.

11.       Patelia.

12.        Seharia, Sehria, Sahariya.

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