हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है, जिसमें 9 नए उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची के साथ ही कांग्रेस ने अब तक 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। दूसरी सूची में कुछ बड़े नाम शामिल किए गए हैं, जिनमें प्रमुख नाम बिरेंद्र सिंह के बेटे ब्रिजेंद्र सिंह का है, जिन्हें उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला के खिलाफ टिकट दिया गया है। इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने की संभावना है, क्योंकि दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत मानी जाती है।
कांग्रेस की दूसरी सूची की खास बातें
कांग्रेस की ताजा सूची में कुछ युवा और अनुभवी नेताओं का संतुलन देखा जा सकता है। पार्टी ने इस बार युवा चेहरों को भी मौका दिया है। गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर और बादशाहपुर से वर्धन यादव जैसे युवा उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। वहीं, अनुभवी नेताओं में गन्नौर से कुलदीप शर्मा और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम शामिल है। इस सूची में एक और दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा तोशाम सीट पर, जहां पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी और पोती श्रुति चौधरी आमने-सामने होंगे।
ब्रिजेंद्र सिंह, जिन्हें उचाना कलां से मैदान में उतारा गया है, ने पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस सीट पर उनका मुकाबला दुष्यंत चौटाला से होगा, जो जननायक जनता पार्टी (JJP) के प्रमुख और बीजेपी के सहयोगी हैं। कांग्रेस की इस रणनीति से यह साफ है कि पार्टी दुष्यंत चौटाला के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार उतारना चाहती है।
कांग्रेस की पहली सूची
कांग्रेस ने 6 सितंबर को 32 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इसमें सबसे बड़ा नाम पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा का था, जिन्हें गरही सांपला-किलोई से टिकट दिया गया था। उनके अलावा सोनीपत से सुरेंद्र पंवार, गोहाना से जगबीर सिंह मलिक, और रोहतक से भरत भूषण बत्रा को उम्मीदवार बनाया गया था। पार्टी की पहली सूची में कई बड़े चेहरे थे, जिन्होंने पार्टी के पुराने गढ़ों से चुनाव लड़ने की तैयारी की थी।
पार्टी ने उदय भान को हालोद सीट से मैदान में उतारा था, जबकि मेवा सिंह लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। उनका मुकाबला मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नायब सैनी से होगा। इसके अलावा, झज्जर से गीता भुक्कल, रेवाड़ी से चिरंजीव राव, और नूह से आफताब अहमद को टिकट दिया गया था।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन
हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही है। दोनों दलों के नेताओं ने हाल ही में मुलाकात की, जिसमें यह तय हुआ कि अगले कुछ दिनों में गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जा सकती है। कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया और AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि गठबंधन लगभग तय है और जल्द ही उम्मीदवारों की सूची में भी कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। यह गठबंधन हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है, क्योंकि दोनों पार्टियां मिलकर बीजेपी के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश करने की कोशिश कर रही हैं।
बीजेपी की रणनीति
बीजेपी ने भी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने 5 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के लिए 67 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लाडवा सीट से टिकट दिया गया है, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के मेवा सिंह से होगा। बीजेपी की इस सूची में कई पुराने और नए चेहरों को जगह दी गई है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ को बादली से टिकट दिया गया है, जबकि अन्य प्रमुख नेताओं में गोहाना से रामेश्वर दास और पानीपत ग्रामीण से प्रमोद विज को टिकट दिया गया है।
क्या है जनता की प्रतिक्रिया?
हरियाणा के चुनावी मैदान में पार्टियों की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन जनता की प्रतिक्रिया अभी भी मिश्रित है। कुछ लोग कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची से संतुष्ट हैं, जबकि कुछ का मानना है कि पार्टी ने कई प्रमुख चेहरों को नजरअंदाज किया है। वहीं, बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची को लेकर भी जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोग मुख्यमंत्री नायब सैनी की नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जता रहे हैं, जबकि कुछ को लगता है कि पार्टी ने नए चेहरों को मौका नहीं दिया है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन को लेकर भी जनता में काफी चर्चा है। कुछ लोग इसे एक मजबूत विकल्प के रूप में देख रहे हैं, जो बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत चुनौती पेश कर सकता है। हालांकि, गठबंधन को लेकर अभी भी कई सवाल बने हुए हैं, खासकर उम्मीदवारों के चयन और सीटों के बंटवारे को लेकर।
चुनाव का असर और आगे की राह
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी, और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। कांग्रेस और AAP के गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बाद यह मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा। जनता की नजरें अब इस बात पर हैं कि कौन सी पार्टी अपनी चुनावी रणनीति में सफल होगी और कौन सी पार्टी जनता का भरोसा जीत पाएगी। वहीं, बीजेपी के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि राज्य में बीजेपी की सरकार है और मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद चुनाव मैदान में हैं।
हरियाणा में अब तक के राजनीतिक समीकरण और उम्मीदवारों की घोषणा से यह स्पष्ट है कि मुकाबला काफी कड़ा होगा। कांग्रेस अपनी पुरानी साख को दोबारा स्थापित करने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी सत्ता में बने रहने के लिए पूरा जोर लगा रही है। AAP इस बार नए सिरे से चुनावी मैदान में उतर रही है और गठबंधन के जरिये वह अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहती है।
हरियाणा की राजनीति में जाट समुदाय का भी बड़ा असर होता है, और इस बार भी जाट नेताओं की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। कांग्रेस ने कई जाट उम्मीदवारों को टिकट देकर अपनी इस रणनीति को और मजबूत किया है। वहीं, बीजेपी भी जाट और गैर-जाट वोटों को साधने की कोशिश में जुटी हुई है।
निष्कर्ष
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस, बीजेपी और AAP के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। कांग्रेस ने अब तक 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, और बाकी उम्मीदवारों की सूची जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। बीजेपी ने भी 67 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, और पार्टी की पूरी कोशिश है कि वह सत्ता में बने रहे। AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना भी चुनाव को और दिलचस्प बना रही है। अब देखना यह है कि जनता किस पार्टी पर भरोसा जताती है और हरियाणा की सत्ता किसके हाथ में जाती है।