बजट 2025: 12.75 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन कैसे? समझिये इसके पीछे का गणित

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बजट 2025: 12.75 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन कैसे?

सरकार ने इस बार के बजट में एक बड़ा ऐलान किया है – अब 12.75 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। ये खबर सुनकर नौकरीपेशा लोगों में खुशी की लहर है, लेकिन इसमें कुछ शर्तें भी हैं। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

Contents
बजट 2025: 12.75 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन कैसे?1. 12.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, लेकिन किसे मिलेगा फायदा?2. अगर टैक्स हट गया तो 4-12 लाख की इनकम पर 5-10% टैक्स क्यों है?पहले समझें – 80C, 80D, और 87A क्या हैं?1️⃣ धारा 80C – ₹1.5 लाख तक टैक्स बचाने का सबसे आसान तरीकाधारा 80C: टैक्स बचत के लिए निवेश और खर्च2️⃣ धारा 80D – हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स बचाएं87A छूट क्या है और इसका फायदा कैसे मिलता है?कैसे काम करता है?उदाहरण:कुल टैक्स:अगर आप कहीं पर भी इन्वेस्ट नही करते तो आपको किसी भी तरह की कोई छूट नही मिलेगी इसके अलावा, आप 80C, 80D, 80G, 87A जैसी छूटों के माध्यम से टैक्स में और बचत कर सकते हैं।3. सरकार को 1 लाख करोड़ का टैक्स नुकसान, लेकिन नुकसान क्यों नहीं होगा?4. लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा, इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगाFMCG (Fast-Moving Consumer Goods) क्या होता है?FMCG में कौन-कौन से प्रोडक्ट आते हैं?उदाहरण:5. क्या सरकार पुराना टैक्स रिजीम खत्म करने वाली है?6. TDS और TCS पर बड़े बदलाव7. सरकार ने एग्रीकल्चर को “सेक्टर ऑफ फ्यूचर” माना8. बिहार को सबसे ज्यादा फायदा क्यों मिला?9. पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) में ज्यादा बढ़ोतरी क्यों नहीं हुई?निष्कर्ष:

1. 12.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, लेकिन किसे मिलेगा फायदा?

पहले सरकार ने 7 लाख रुपये तक की इनकम पर 87A के तहत छूट दी थी। अब इस छूट की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। साथ ही,अगर आप जॉब करते हो तो  75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ा गया है, जिससे कुल मिलाकर 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री हो गई।

लेकिन यह सुविधा हर किसी को नहीं मिलेगी, इसके लिए दो शर्तें रखी गई हैं:

  1. यह सिर्फ नए टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को अपनाने वालों के लिए है। जिन्होंने पुराने टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) चुना है, उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा।
  2. यह छूट सिर्फ नौकरीपेशा (Salary Earners) लोगों के लिए है। अगर आपकी इनकम शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, या प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री से आती है, तो यह नियम आप पर लागू नहीं होगा।

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    income tax slab old and new 2025-26.


2. अगर टैक्स हट गया तो 4-12 लाख की इनकम पर 5-10% टैक्स क्यों है?

बहुत से लोग ये सोच रहे होंगे कि जब 12 लाख तक की कमाई पर टैक्स नहीं है, तो 4 से 12 लाख रुपये की इनकम पर 5-10% टैक्स का नियम क्यों है? इसके पीछे छिपा है 80C, 80D, 80G, 87A जैसी छूटों के माध्यम से टैक्स में बचत कर सकते हैं। मतलब अगर आप सोच रहे है की 12 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नही तो आप गलत है… आप परेशान मत हो इसको में आसन भाषा में समझाऊंगा 

12 लाख या 12.75 लाख इनकम tax फ्री होने के पीछे का गणित भी समझये

पहले समझें – 80C, 80D, और 87A क्या हैं?

1️⃣ धारा 80C – ₹1.5 लाख तक टैक्स बचाने का सबसे आसान तरीका

👉 क्या है?
अगर आप कुछ खास निवेश करते हैं, तो ₹1.5 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा।

👉 किन चीजों में पैसा लगाना होगा?
PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) – बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलता है।
EPF (इंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड) – नौकरी वालों के लिए PF में योगदान।
LIC (बीमा पॉलिसी) – अगर आपने जीवन बीमा लिया है।
5 साल की FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) – टैक्स सेविंग FD
NSC (नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट) – पोस्ट ऑफिस में उपलब्ध
ELSS (एक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम) – म्यूचुअल फंड में निवेश

धारा 80C: टैक्स बचत के लिए निवेश और खर्च

➡ छूट की सीमा: अधिकतम ₹1,50,000
➡ कौन-से निवेश और खर्च शामिल हैं?
धारा 80C के तहत निम्नलिखित निवेश और खर्चों पर छूट मिलती है:

पीपीएफ (PPF – Public Provident Fund)
➡ इसमें किए गए निवेश पर छूट मिलती है और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी टैक्स फ्री होती है।

ईपीएफ (EPF – Employee Provident Fund)
➡ सैलरीड कर्मचारियों के लिए EPF योगदान टैक्स बचत के लिए उपयुक्त होता है।

राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC – National Savings Certificate)
➡ इसमें निवेश करने पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है।

लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम (Life Insurance Premium)
➡ यदि आपने जीवन बीमा पॉलिसी ली है, तो उसके प्रीमियम पर 80C के तहत छूट मिलती है।

टैक्स सेविंग एफडी (Tax Saving Fixed Deposit)
➡ 5 साल की लॉक-इन अवधि वाली एफडी पर यह छूट उपलब्ध होती है।

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana – SSY)
➡ बेटियों के भविष्य के लिए बचत करने पर छूट मिलती है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS – National Pension System)
➡ इसमें निवेश करने पर 80C के अलावा 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 की अतिरिक्त छूट मिलती है।

होम लोन प्रिंसिपल रीपेमेंट
➡ यदि आपने घर खरीदा है और उसका लोन चुका रहे हैं, तो ईएमआई के प्रिंसिपल अमाउंट पर छूट मिलती है।

ट्यूशन फीस (Tuition Fees for Children)
➡ दो बच्चों की स्कूल फीस पर भी 80C के तहत छूट मिलती है। मान लीजिए :

  • PPF – ₹50,000
  • ELSS – ₹40,000
  • Life Insurance – ₹30,000
  • बच्चों की ट्यूशन फीस – ₹30,000

कुल निवेश: ₹1,50,000

📌 नोट: यदि आप पूरी ₹1,50,000 की सीमा 80C में निवेश करते हैं, तो आपकी कर योग्य आय उतनी ही कम हो जाएगी, जिससे आपका टैक्स लायबिलिटी घटेगा। लेकिन

📌 ध्यान दें:

  • 80C की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये ही है, इससे ज्यादा निवेश करने पर कोई अतिरिक्त टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
  • अगर आप अलग से NPS (80CCD(1B)) में 50,000 रुपये निवेश करते हैं, तो आपको 80C के अलावा और भी टैक्स छूट मिलेगी।

👉 अगर आप सैलरीड नहीं हैं, तो कैसे फायदा मिलेगा?
✅ अगर आपका बिज़नेस है या आप फ्रीलांसर हैं, तो आप PPF, LIC, ELSS या 5 साल की FD में निवेश कर सकते हैं और 80C का लाभ ले सकते हैं।

2️⃣ धारा 80D – हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स बचाएं

👉 क्या है?
अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस (स्वास्थ्य बीमा) लिया है, तो प्रीमियम की राशि पर छूट मिलती है।

👉 कितनी छूट मिलेगी?
💙 खुद, पत्नी और बच्चों के लिए बीमा = ₹25,000 तक की छूट
💙 अगर माता-पिता (60 साल से कम) के लिए बीमा लिया है = ₹25,000 और जोड़ लें
💙 अगर माता-पिता 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं = ₹50,000 की छूट80d

👉 अगर सैलरीड नहीं हैं, तो कैसे फायदा मिलेगा?
✅ बिज़नेस करने वाले, दुकान मालिक या फ्रीलांसर भी अपने और परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर 80D का लाभ ले सकते हैं। इसमे आपको 25000 से 100000 तक tax छूट ले सकते है

सरकार ने 87A के तहत मिलने वाली छूट को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख किया है। इसका मतलब यह हुआ कि पहले की तरह 4-12 लाख रुपये की इनकम पर 5-10% टैक्स तो लगेगा, लेकिन अगर आपकी सालाना कमाई 12 लाख रुपये से कम है, तो आप टैक्स नहीं देंगे, क्योंकि आपको पूरी छूट मिलेगी

87A छूट क्या है और इसका फायदा कैसे मिलता है?

87A भारतीय आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की एक धारा है, जो छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए बनाई गई है। इसके तहत सरकार उन लोगों को टैक्स में छूट देती है जिनकी आय एक निश्चित सीमा से कम होती है।

कैसे काम करता है?

  • पहले 87A के तहत 7 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट मिलती थी।
  • 2025 के बजट में इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है।
  • यानी अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा (बशर्ते कि आपने नया टैक्स रिजीम चुना हो)।

उदाहरण:

मान लीजिए कि आपकी कुल सालाना आय 12 लाख रुपये है। इसमें सरकार आपको 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी दे रही है, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम 11.25 लाख रुपये हो जाएगी। पहले इस इनकम पर आपको टैक्स देना पड़ता, लेकिन अब 87A के तहत पूरी छूट मिल जाएगी

कुल टैक्स:अगर आप कहीं पर भी इन्वेस्ट नही करते तो आपको किसी भी तरह की कोई छूट नही मिलेगी 

अब इन सभी टैक्सों को जोड़ते हैं:

  • ₹0 (₹0 – ₹4 लाख पर टैक्स)
  • ₹20,000 (₹4 लाख – ₹8 लाख पर टैक्स)
  • ₹40,000 (₹8 लाख – ₹12 लाख पर टैक्स)
  • ₹60,000 (₹12 लाख – ₹16 लाख पर टैक्स)
  • ₹80,000 (₹16 लाख – ₹20 लाख पर टैक्स)
  • ₹1,00,000 (₹20 लाख – ₹24 लाख पर टैक्स)
  • ₹1,80,000 (₹24 लाख – ₹30 लाख पर टैक्स)

कुल टैक्स = ₹0 + ₹20,000 + ₹40,000 + ₹60,000 + ₹80,000 + ₹1,00,000 + ₹1,80,000 = ₹4,80,000

2025-26 के नए टैक्स स्लैब के हिसाब से, अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ₹30 लाख है, तो आपको ₹4,80,000 टैक्स देना होगा।

इसके अलावा, आप 80C, 80D, 80G, 87A जैसी छूटों के माध्यम से टैक्स में और बचत कर सकते हैं।


3. सरकार को 1 लाख करोड़ का टैक्स नुकसान, लेकिन नुकसान क्यों नहीं होगा?

इनकम टैक्स में छूट देने से सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।

तो क्या सरकार को घाटा होगा?
👉 नहीं, क्योंकि लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे आएंगे, जिससे बाजार में खर्च बढ़ेगा

उदाहरण के लिए –
अगर किसी के 10,000 रुपये टैक्स में बचते हैं और वह उसमें से 8,000 रुपये शॉपिंग कर लेता है, तो इस शॉपिंग पर सरकार को GST और कस्टम ड्यूटी से कुछ हिस्सा वापस मिल जाएगा।


4. लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा, इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा

भारत में 85% लोग 12 लाख रुपये से कम कमाते हैं। जब इन लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा रहेगा, तो वे इसे खर्च करेंगे। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और कई सेक्टर ग्रो करेंगे, जैसे –

FMCG (Fast-Moving Consumer Goods) – मतलब रोजमर्रा के सामान बनाने वाली कंपनियां।

FMCG (Fast-Moving Consumer Goods) क्या होता है?

FMCG का मतलब Fast-Moving Consumer Goods होता है, यानी ऐसे सामान जो रोजमर्रा की जरूरतों के होते हैं और जल्दी-जल्दी बिकते हैं।

FMCG में कौन-कौन से प्रोडक्ट आते हैं?

  • खाने-पीने की चीजें – जैसे बिस्किट, चॉकलेट, नमकीन, चाय, कॉफी, तेल, आटा, दूध, दही, कोल्ड ड्रिंक, मसाले आदि।
  • निजी देखभाल के सामान – जैसे साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, परफ्यूम, डिओड्रेंट, क्रीम आदि।
  • घरेलू उत्पाद – जैसे डिटर्जेंट, सफाई करने वाले लिक्विड, बैटरी, मोमबत्ती, कीटनाशक, टिशू पेपर आदि।

उदाहरण:

  • अगर किसी के पास ज्यादा पैसे बचेंगे, तो वह ज्यादा FMCG प्रोडक्ट खरीदेगा
  • मान लीजिए कि आपको टैक्स में 10,000 रुपये की छूट मिली। अब आप उन पैसों से बिस्किट, तेल, दूध, साबुन, शैंपू जैसी चीजें खरीद सकते हैं।
  • इससे बाजार में FMCG कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी, वे ज्यादा उत्पादन करेंगी और ज्यादा लोगों को रोजगार देंगी।

ऑटोमोबाइल सेक्टर – कार और बाइक की बिक्री बढ़ सकती है।
रियल एस्टेट – लोग घर खरीदने में ज्यादा रुचि लेंगे।

इससे अर्थव्यवस्था (Economy) को बूस्ट मिलेगा। इसे अर्थशास्त्र में “वर्चुअस साइकिल” (Virtuous Cycle) या सूचक्र कहते हैं।

वर्चुअस साइकिल का मतलब?
अगर लोगों के पास पैसा होगा, तो वे ज्यादा खर्च करेंगे → कंपनियों का उत्पादन बढ़ेगा → ज्यादा सामान बिकेगा → नई नौकरियां बनेंगी → लोगों के पास और पैसा आएगा → फिर खर्च बढ़ेगा → और अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी।


5. क्या सरकार पुराना टैक्स रिजीम खत्म करने वाली है?

इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसका मतलब यह है कि सरकार धीरे-धीरे इसे हटाने की दिशा में बढ़ रही है।

कैसे?
👉 पुराने टैक्स रिजीम में 80C, HRA, होम लोन आदि पर छूट मिलती थी, लेकिन अब ज्यादातर लोगों को नए टैक्स रिजीम में ज्यादा फायदा दिख रहा है।
👉 सरकार आने वाले समय में एक नई इनकम टैक्स बिल ला सकती है, जिसमें पुराने टैक्स रिजीम को खत्म करने की समय सीमा तय की जा सकती हैसितंबर में शुरू हो सकती है बहुप्रतीक्षित जनगणना, 2026 तक आएगा अंतिम डेटासितंबर में शुरू हो सकती है बहुप्रतीक्षित जनगणना, 2026 तक आएगा अंतिम डेटा

तो क्या अब सबको नया टैक्स रिजीम ही अपनाना चाहिए?
✔ अगर आपकी HRA, होम लोन, और अन्य डिडक्शन्स ज्यादा हैं, तो पुराना टैक्स रिजीम फायदेमंद हो सकता है।
❌ लेकिन 98-99% लोगों के लिए नया टैक्स रिजीम ज्यादा फायदेमंद होगा।


6. TDS और TCS पर बड़े बदलाव

TDS (Tax Deducted at Source) और TCS (Tax Collected at Source) में दो बड़े बदलाव हुए हैं:

सीनियर सिटीजन्स के लिए राहत – पहले 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स लगता था, जिसे अब 1 लाख रुपये कर दिया गया है।
अन्य लोगों के लिए – पहले 40,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स छूट थी, अब इसे 50,000 रुपये कर दिया गया है।

इसका मतलब यह है कि अब कई लोगों को रिटर्न भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि उनकी इंटरेस्ट इनकम टैक्स के दायरे से बाहर हो गई है


7. सरकार ने एग्रीकल्चर को “सेक्टर ऑफ फ्यूचर” माना

इस बार के बजट में सरकार ने खेती-किसानी को भविष्य का सेक्टर बताया है।

दाल उत्पादन के लिए नया मिशन – भारत अभी दाल और सरसों का तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट करता है। सरकार चाहती है कि किसान इन्हें ज्यादा उगाएं।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत लोन लिमिट बढ़ाई – पहले 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता था, अब इसे 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे 7.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा


8. बिहार को सबसे ज्यादा फायदा क्यों मिला?

✅ बिहार के लिए इस बजट में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना बोर्ड, और बाढ़ नियंत्रण योजनाएं लाई गई हैं।
✅ इसका बड़ा कारण यह है कि बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव हैं और केंद्र में भी वही सरकार है, जो राज्य में है। इसलिए बिहार को बाकी राज्यों के मुकाबले ज्यादा बजट मिला।


9. पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) में ज्यादा बढ़ोतरी क्यों नहीं हुई?

इस बार का बजट “खपत आधारित विकास” (Consumption-Led Growth) पर फोकस कर रहा है। यानी सरकार चाहती है कि लोग ज्यादा खर्च करें, जिससे इकोनॉमी में पैसा घूमे।

सरकार ने इस साल पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, क्योंकि वह पहले चाहती है कि बाजार में मांग बढ़े, जिससे आगे ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकें।


निष्कर्ष:

12.75 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री – लेकिन सिर्फ नए टैक्स रिजीम में।
सरकार को टैक्स में नुकसान नहीं होगा, क्योंकि लोग ज्यादा खर्च करेंगे।
नौकरीपेशा लोगों को सबसे ज्यादा फायदा
पुराने टैक्स रिजीम को खत्म करने के संकेत
बिहार को सबसे ज्यादा बजट मिला, क्योंकि वहां चुनाव हैं।
खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए नए मिशन शुरू किए गए।

तो, यह बजट “खर्च बढ़ाओ, इकोनॉमी बढ़ाओ” के फॉर्मूले पर बना है!

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