बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व क्लर्क के घर लोकायुक्त की छापेमारी में 30 करोड़ की संपत्ति का खुलासा, 24 मकान शामिल

लोकायुक्त की छापेमारी में कर्नाटक के पूर्व क्लर्क के पास 30 करोड़ की संपत्ति का खुलासा, जिसमें 24 मकान, 40 एकड़ जमीन और सोने-चांदी के आभूषण शामिल। पढ़ें पूरी खबर।

आपका भारत टाइम्स
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Karnataka Lokayukta Raid: कर्नाटक के कोप्पल जिले में कर्नाटक ग्रामीण अवसंरचना विकास लिमिटेड (KRIDL) के एक पूर्व क्लर्क के खिलाफ लोकायुक्त ने शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को छापेमारी की, जिसमें 30 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब संपत्ति का पता चला। इस कार्रवाई ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान को और तेज कर दिया है। पूर्व क्लर्क, जिनका नाम कलाकप्पा निदागुंडी बताया जा रहा है, की मासिक आय मात्र 15,000 रुपये थी, लेकिन उनके पास मिली संपत्ति उनकी आय के स्रोतों से कई गुना अधिक है।

लोकायुक्त अधिकारियों ने निदागुंडी के निवास और संबंधित स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें 24 आवासीय मकान, चार भूखंड, और 40 एकड़ कृषि भूमि का पता चला। ये संपत्तियां निदागुंडी, उनकी पत्नी, और उनकी पत्नी के भाई के नाम पर रजिस्टर्ड थीं। इसके अलावा, अधिकारियों ने 350 ग्राम सोने के आभूषण, 1.5 किलोग्राम चांदी के आभूषण, और चार वाहन (दो कारें और दो दोपहिया वाहन) जब्त किए।

जांच के दौरान यह सामने आया कि निदागुंडी और KRIDL के एक पूर्व इंजीनियर, जेड.एम. चिंचोलकर, पर 96 अधूरी परियोजनाओं के लिए नकली दस्तावेज और बिल बनाकर 72 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि हड़पने का आरोप है। यह छापेमारी एक शिकायत के आधार पर शुरू की गई थी, जिसके बाद लोकायुक्त ने कार्रवाई को अंजाम दिया। छापेमारी का नेतृत्व सीपीआई परशुराम कवटगी ने किया, और इसकी निगरानी डिप्टी एसपी पुष्पलता और अधिकारी पी.एस. पाटिल ने की।

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यह कार्रवाई कर्नाटक में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में की जा रही सिलसिलेवार छापेमारियों का हिस्सा है। इससे पहले, 23 जुलाई को आठ सरकारी अधिकारियों, जिनमें एक आईएएस अधिकारी वासंती अमर बी.वी. शामिल थीं, के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें 37.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इसके बाद 29 जुलाई को पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में 24 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति का पता चला था। इन अधिकारियों में जयन्ना आर. (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, एनएचएआई, हासन), अंजनेय मूर्ति एम. (जूनियर इंजीनियर, ग्रामीण पेयजल और स्वच्छता विभाग, चिक्कबल्लापुर), डॉ. वेंकटेश जी. (तालुक स्वास्थ्य अधिकारी, हिरियुर, चित्रदुर्ग), एन. वेंकटेश (राजस्व अधिकारी, बीबीएमपी, बेंगलुरु), और के. ओमप्रकाश (वरिष्ठ सहायक निदेशक, बागवानी, बीडीए, बेंगलुरु) शामिल थे।

लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने कर्नाटक में सरकारी अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने के मामलों पर प्रकाश डाला है। निदागुंडी के मामले में, अधिकारियों ने दस्तावेज, नकदी, और संपत्ति के रिकॉर्ड की गहन जांच शुरू की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी संपत्ति कैसे जमा की गई।

कर्नाटक सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। कोप्पल के विधायक के. राघवेंद्र हितनल ने कहा है कि इस मामले में पूरी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। यह छापेमारी लोकायुक्त के उस अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी पदों के दुरुपयोग और आय से अधिक संपत्ति जमा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है।

जांच अभी जारी है, और लोकायुक्त अधिकारी संपत्तियों के स्रोत और निदागुंडी के कथित भ्रष्टाचार के पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए दस्तावेजों की गहन पड़ताल कर रहे हैं।

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