परिचय (Introduction)
क्रिकेट की दुनिया में कई बड़े टूर्नामेंट खेले जाते हैं, लेकिन ICC चैंपियंस ट्रॉफी की बात ही अलग है। इसे “मिनी वर्ल्ड कप” भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें केवल शीर्ष 8 टीमें भिड़ती हैं और हर मुकाबला रोमांच से भरा होता है। 1998 में जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब इसका मकसद क्रिकेट को ग्लोबल स्तर पर और लोकप्रिय बनाना था। तब से लेकर अब तक, इस टूर्नामेंट ने हमें कई ऐतिहासिक पल दिए हैं – चाहे वह 2002 का भारत-श्रीलंका का अधूरा फाइनल हो, 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत की धमाकेदार जीत, या 2017 में पाकिस्तान का भारत को हराकर पहली बार ट्रॉफी जीतना।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे:
चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास – कब और क्यों शुरू हुई?
किस साल कौन सी टीम चमकी और किसने जीता खिताब?
यादगार मैच, रिकॉर्ड्स और बड़े सितारे
2025 में कौन-सी टीम मचाएगी धमाल?
तो आइए, चैंपियंस ट्रॉफी के सफर को करीब से समझते हैं और देखते हैं कि इस बार क्रिकेट की दुनिया में क्या नया होने वाला है!
चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास (History of The Champions Trophy)
चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत कैसे हुई?
1998 में ICC ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत उद्देश्य क्रिकेट को ज्यादा देशों तक पहुंचाना था।
पहले इसका नाम ICC KnockOut Tournament था, लेकिन 2002 से इसे ICC Champions Trophy कहा जाने लगा।
शुरुआती टूर्नामेंट का फॉर्मेट कैसा था?
पहले यह नॉकआउट स्टाइल में खेला जाता था (यानी, हारने वाली टीम सीधा बाहर हो जाती थी)।
2002 से ग्रुप स्टेज और नॉकआउट का कॉम्बिनेशन किया गया ।
अब तक के सभी चैंपियंस ट्रॉफी विजेता
भारत और ऑस्ट्रेलिया इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीमें रही हैं, जिन्होंने दो-दो बार खिताब अपने नाम किया ।
दक्षिण अफ्रीका वेस्टइंडीज को हराकर प्रथम चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना (1998)
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के पहले ही मैच में दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज़ आमने-सामने थे। वेस्टइंडीज़ के फिलो वालेस बेहतरीन फॉर्म में थे और उन्होंने प्रतियोगिता में 221 रन बनाए थे। सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ दक्षिण अफ़्रीकी ऑलराउंडर जैक्स कैलिस थे, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में आठ विकेट लिए थे।
ढाका के बंगबंधु नेशनल स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ने 246 रनों का आसान लक्ष्य रखा था, क्योंकि वालेस ने शतक बनाया था। हालांकि, प्रोटियाज को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उन्होंने तीन ओवर और चार विकेट शेष रहते ही लक्ष्य हासिल कर लिया।
यह दक्षिण अफ्रीका का अपने इतिहास में एकमात्र ICC ट्रॉफी है। एक बहुत अच्छी टीम होने के बावजूद, ICC टूर्नामेंटों में दक्षिण अफ्रीका हमेशा पीछे रह जाता है।
दक्षिण अफ्रीका ने वेस्टइंडीज़ को हराकर 1998 में पहली ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीती
1998 के ICC चैंपियंस ट्रॉफी में दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज़ के बीच एक ऐतिहासिक मुकाबला हुआ, जिसने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाई। इस मुकाबले का आयोजन ढाका के बंगबंधु नेशनल स्टेडियम में हुआ, जहाँ वेस्टइंडीज़ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 246 रनों का लक्ष्य तय किया।
वेस्टइंडीज़ के प्रमुख खिलाड़ी, फिलो वालेस ने शानदार शतक बनाते हुए 221 रन की पारी खेली, जिससे उनकी टीम ने एक मजबूत पारी पेश की। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर जैक्स कैलिस का प्रदर्शन भी कम नहीं था – उन्होंने पूरे मैच में 8 विकेट लेकर विपक्ष पर भारी दबाव बनाया। अपनी टीम ने अपेक्षाकृत कम ओवर्स में लक्ष्य को पूरा कर लिया, जिससे वे आसानी से जीत का जश्न मना सके।
यह जीत दक्षिण अफ्रीका के लिए उनके इतिहास में पहली और अब तक की एकमात्र ICC चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में दर्ज हुई। हालांकि, इस सफलता के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका ने आगे के ICC टूर्नामेंटों में अक्सर अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया।
2000 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी: न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर खिताब हासिल किया
2000 के संस्करण में, ICC चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच एक यादगार मोड़ ले गया था। उस साल 11 टीमों ने हिस्सा लिया था, और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने टूर्नामेंट में जबरदस्त फॉर्म दिखाते हुए पूरे मुकाबले में कुल 348 रन बनाए। फाइनल में, उन्होंने 117 रन की उल्लेखनीय पारी खेली, जिसके चलते भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 265 रन का लक्ष्य निर्धारित किया।
जब भारतीय टीम ने उम्मीद जताई कि फाइनल आसानी से जीत लिया जाएगा, तब कीवी टीम उस समय 132/5 पर सिमट चुकी थी। लेकिन न्यूजीलैंड के अनुभवी बल्लेबाज क्रिस केर्न्स ने मैच के निर्णायक पल में शतकीय पारी खेली। उनके शतक ने न्यूज़ीलैंड के दबदबे को बरकरार रखा और अंततः उन्होंने भारत को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया।
यह मैच न केवल भारतीय टीम के लिए एक झटका था, बल्कि न्यूज़ीलैंड की टीम के आत्मविश्वास और प्रदर्शन की क्षमता का भी प्रमाण बनकर उभरा। इस फाइनल ने न्यूजीलैंड को आने वाले संस्करणों में और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।
2002 में भारत और श्रीलंका: संयुक्त चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता घोषित
2002 का संस्करण अपने आयोजन और पैमाने में बेहतरीन रहा। इस बार 12 टीमें आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा ले रही थीं और टूर्नामेंट श्रीलंका में आयोजित किया गया था।
भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 271 रन बनाकर सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी का खिताब अपने नाम किया, जबकि मेज़बान श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन ने 10 विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी के रूप में चमक दिखाई।
फाइनल में भारत और श्रीलंका आमने-सामने आए। श्रीलंका ने महेला जयवर्धने और रसेल अर्नोल्ड की अर्धशतकीय पारी के चलते अपने प्रतिद्वंद्वी पर 222 रनों का लक्ष्य निर्धारित किया। हालांकि, भारत को मैच में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा – बारिश के कारण उन्होंने केवल 8.4 ओवर में 38/1 का स्कोर बनाया। मैच में लगातार बारिश की वजह से खेल बाधित रहता रहा, और अगले दिन के रिजर्व मैच में भी खेल जारी नहीं हो सका। अंततः, ICC ने दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित करने का निर्णय लिया। यह भी पढ़े : होटस्टार (Hotstar) के बारे में abcd क्या आप जानते हैं?
इस प्रकार, 2002 का यह संस्करण क्रिकेट इतिहास में एक अनोखी घटना के रूप में दर्ज हुआ, जहाँ दो शक्तिशाली टीमों ने साझा विजयी का मुकाम हासिल किया।
2004 – वेस्टइंडीज़ ने मेजबान इंग्लैंड को मात देकर खिताब अपने नाम किया
2004 में 12 टीमें राउंड-रॉबिन प्रारूप में भिड़ीं, जहाँ इंग्लैंड मेजबान था। घरेलू पिच की अच्छी सहूलियत का लाभ उठाते हुए इंग्लैंड के विस्फोटक बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक ने 261 रन बनाकर अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया, जबकि एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने 9 विकेट लेकर टीम को मजबूती दी।
फाइनल में, इंग्लैंड ने 49.4 ओवर में 217 रन बनाए – जिसमें ट्रेस्कोथिक की एकमात्र शतक पारी शामिल थी। लेकिन वेस्टइंडीज़ ने जब अपना नंबर उठाया, तो 49 ओवर में लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज कर ली। शिवनारायण चंद्रपॉल के 47 रन ने इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस मुकाबले ने यह साबित कर दिया कि वेस्टइंडीज़, जो पहले भी फाइनल में पहुंच चुकी थी, खिताब जीतने के लिए पूरी तरह तैयार थी।
2006 और 2009 – ऑस्ट्रेलिया का दबदबा, कंगारू की चुनौती
विश्व क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई टीम के दबदबे के बावजूद, वे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी सफलता के मामले में कुछ अनिश्चित रहे।
2006: भारत में आयोजित इस संस्करण में, ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज से 8 विकेट से जीत हासिल की। बारिश और पिच की परिस्थितियाँ चुनौतियाँ पेश कर रही थीं, पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने मजबूती दिखाई।
2009: दक्षिण अफ्रीका में खेले गए इस संस्करण में, प्रतिभागी संख्या घटकर 8 रह गई। ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराकर खिताब बचाया।
इस दौर में शेन वॉटसन का प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा; 2009 के फाइनल में उन्होंने 129 गेंदों में 105 रन की पारी खेलकर मैच का दिशा-निर्देशन किया और अपनी टीम को लगातार खिताब जीतने में मदद की।
2013 में भारत ने अपनी दूसरी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती
2013 के संस्करण में, भारत ने अपनी दूसरी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ दर्ज कराया। यह टूर्नामेंट पूर्व कप्तान एमएस धोनी के नेतृत्व में खेला गया, जिन्होंने पहले 2007 टी20 विश्व कप और 2011 विश्व कप में भी जीत हासिल की थी। इंग्लैंड में आयोजित इस टूर्नामेंट में भारत ने वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी शक्तिशाली टीमों का मुकाबला करते हुए फाइनल तक पहुंचा।
फाइनल मैच भी अपनी विशेषता के लिए यादगार रहा – बारिश के कारण इस 50 ओवर के मुकाबले को 20 ओवर में सीमित कर दिया गया। विराट कोहली और रविंद्र जडेजा के महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, भारत ने कुल 129 रन बनाए। जवाब में, मेजबान इंग्लैंड टीम आवश्यक साझेदारी बनाने में विफल रही, जिससे भारत ने सिर्फ 5 रन के मामूली अंतर से जीत दर्ज की।
इस जीत ने धोनी के करियर में एक आखिरी बड़ी ICC ट्रॉफी के रूप में अपनी छाप छोड़ी और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ दिया।
पाकिस्तान ने 2017 में भारत को हराकर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती
2017 के संस्करण में, इंग्लैंड ने फिर से मेजबानी संभाली और पिछले चैंपियन भारत ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। ग्रुप स्टेज में, भारत ने पाकिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका को सहजता से हराकर सेमीफाइनल तक पहुंच बनाई थी।
हालांकि, पाकिस्तान ने शुरुआती झटकों के बाद अपनी फॉर्म दोबारा जमाई और दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड तथा श्रीलंका को मात देकर फाइनल में जगह बनाई। यह फाइनल अब तक का सबसे रोमांचक मुकाबला रहा, जहाँ पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 339 रनों का विशाल लक्ष्य तय किया।
जब भारत ने जवाब में बल्लेबाजी का प्रयास किया, तो उनकी लाइन-अप पूरी तरह से टूट गई। रोहित शर्मा, विराट कोहली और एमएस धोनी की पारी मात्र एकल अंक में सीमित रह गई, जबकि हार्दिक पांड्या ने 43 गेंदों में 76 रन की पारी खेली, लेकिन रन आउट होने के बाद उम्मीदें समाप्त हो गईं। अंततः, पाकिस्तान ने 180 रनों से जीत दर्ज करते हुए ICC चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया।
2025 चैंपियंस ट्रॉफी: क्या खास होगा इस बार?
आयोजन स्थल और तारीखें:
2025 का संस्करण पाकिस्तान में आयोजित किया जा रहा है, जिसके कुछ मैच दुबई और लाहौर जैसे प्रमुख स्थलों से खेले जा रहे हैं।
पहला सेमीफाइनल: 4 मार्च 2025 को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया
दूसरा सेमीफाइनल: 5 मार्च 2025 को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में न्यूजीलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका ,: दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को 50 रन से हरा दिया अब
फाइनल: 9 मार्च 2025 को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में, चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारत का मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा
क्वालिफाई करने वाली टीमें:
टॉप 8 टीमें –
ग्रुप ए: भारत, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश
ग्रुप बी: ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, श्रीलंका
नया फॉर्मेट और संभावित बदलाव:
पारंपरिक राउंड-रॉबिन फॉर्मेट के साथ, हर टीम अपने समूह में एक-दूसरे से मुकाबला करेगी, जिसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल होंगे। इस संस्करण में नवीन तकनीकी नवाचार, विस्तृत डेटा एनालिसिस और नियमों में कुछ छोटे-छोटे बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं, जिससे खेल और अधिक रोमांचक और प्रतिस्पर्धात्मक बन सके।
4 मार्च का सेमीफाइनल – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (परिणाम):
भारत ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 264 रन बनाए। भारत ने इस लक्ष्य को 48.1 ओवर में 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्टीव स्मिथ ने 73 रन की पारी खेली, जबकि एलेक्स कैरी ने 61 रन बनाए। भारत के लिए मोहम्मद शमी ने 48 रन देकर 3 विकेट लिए।
लक्ष्य का पीछा करते हुए, विराट कोहली ने 84 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली। उनकी इस पारी ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।
इस जीत के साथ, भारत ने लगातार तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है। अब फाइनल मुकाबला 9 मार्च को दुबई में खेला जाएगा, जहां भारत का सामना न्यूजीलैंड या दक्षिण अफ्रीका से होगा।
इस जीत के साथ, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने एक नया इतिहास रचा है। वह पहले ऐसे कप्तान बन गए हैं जिन्होंने सभी चार प्रमुख आईसीसी टूर्नामेंट्स—वनडे वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप, टेस्ट चैंपियनशिप और अब चैंपियंस ट्रॉफी—के फाइनल में टीम का नेतृत्व किया है।
भारत की इस जीत ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की उम्मीदों को भी झटका दिया है, क्योंकि अब फाइनल मुकाबला पाकिस्तान में नहीं, बल्कि दुबई में खेला जाएगा।