शामली (ABT News 24)। स्थान: ग्राम हथछोया, थाना झिंझाना, तहसील ऊन, जिला शामली ,उत्तर प्रदेश
Hathchhoya News : जिला शामली के ग्राम हथछोया में एक 40 साल पहले ख़रीदी गई भूमि पर फर्जी विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। प्रार्थी लिल्ला उर्फ अफजाल और अब्बास उर्फ बसा पुत्र मुदा ने तहसीलदार व उपजिलाधिकारी (SDM) ऊन को एक शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें खसरा संख्या 510 के संबंध में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि दिन्ना उर्फ मिन्ना पुत्र फतेहजंग ने चार दशकों पहले खसरा संख्या 510 की कृषि भूमि को ग्रामवासियों को आबादी के लिए बेच दिया था, परंतु उसके बाद बैनामा नहीं करवाया गया। अब उसी ज़मीन पर रह रहे गरीब परिवारों को जबरन हटाने की साज़िश की जा रही है। शिकायतकर्ताओं ने भूमि पर कब्जा दिलाने के बाद बैनामा न करने, फर्जीवाड़ा, सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग और जानमाल की धमकी तक की बात कही है।
क्या है पूरा मामला
प्रार्थियों के अनुसार, करीब 40 साल पहले गांव के ही दिन्ना उर्फ मिन्ना पुत्र फतेह जंग ने अपनी कृषि भूमि (खसरा सं. 510) ग्राम हथछोया के उत्तर दिशा में कई ग्रामीणों को आबादी के उद्देश्य से बेची थी। इनमें से कई लोगों को बैनामा कर दिया गया, परंतु कुछ गरीब लोगों से पूरी रकम लेने के बावजूद भी बैनामा नहीं किया गया। इनमें प्रार्थीगण भी शामिल हैं। लेकिन जिनको बैनामा (Deed of Registration/Deed of sale Registration/Sale Deed ) दिया उनको भी दाख़िल ख़ारिज (Mutation-Update land records to changes in ownership or usage.) नही दिया और दिन्ना उर्फ मिन्ना पुत्र फतेह जंग ने अन्य ग्रामीणों को भी यही कहकर ज़मीन दी कि “बैनामा बाद में करवा दूंगा, आप मकान बनाकर रहना शुरू करो।” अब गावं के भोले भाले लोग उसकी बातों में आ गये ,गावं के ज्यादातर लोग एक तो पढ़ें लिखे नही है और जो थोड़े बहुत चीजों की समझ रखते भी है उनको इतनी क़ानूनी समझ नही है ,और फिर गावं में लोग आपस में जानते पहचानते है व ज्यादतर लोगो के आपस में पारिवारिक रिश्ते नाते जुड़े होते है एक दूसरे पर उनकी कही हुई बातों का विश्वास करते है ये चलन आज भी है
उन्होंने आरोप लगाया है कि दिन्ना उर्फ मिन्ना पुत्र फतेह जंग ने खुद ही जमीन पर कब्जा दिलाया और मकान बनवाकर बसने को कहा। लेकिन बैनामा की प्रक्रिया को टालता रहा। लोगों ने इसलिए उसकी बातों पे विश्वास कर लिया क्योकि बहुत सारे ग्रामीणों ने भी उसकी भूमि खरीदी थी और वो सब भी मकान बनाकर रह रहे थे और गावं में सब एक दूसरे को अच्छे से जानते पहचानते है इसलिए भी उनके साथ आगे चलकर कुछ गलत हो जायेगा इसका ख्याल ही नही था लेकिन दिन्ना उर्फ मिन्ना पुत्र फतेह जंग की मृत्यु के बाद अब भूमि उसके बेटे जावेद तोमर के नाम ख़सरा खतौनी में दर्ज है। उसने भी इसे जारी रखा और 40 सालों से सरकारी अधिकारी लेखपाल /पटवारी के साथ मिलकर अर्जी फर्जी तरीके से आबादी के लिए बेचीं गयी अपनी भूमि को आबादी में न दिखाकर पूरी भूमि पर खेती दिखाता रहा जिसमे वो गन्ना ,ज्वार ,बाजरा, गेहूं,धान , चारा इत्यादि दिखाता आ रहा है क्योकि इससे उसको फ़ायदा मिलता है जबकि हकीकत में जावेद तोमर पुत्र दिन्ना उर्फ मिन्ना के पास लगभग 5 बीघा जमीन है जिसमें वह कृषि वगैरा करता है और ये बात सरकारी अधिकारी लेखपाल /पटवारी भी जानते है लेकिन वो भी सरकारी रिकॉड में खसरा खाता खतौनी ऐसे ही दर्शाते आ रहे है क्योकि गावं लेवल पर लैंड/भूमि राजस्व जांच रिकॉड रखने के लिए सबसे छोटा अधिकारी लेखपाल /पटवारी होता है उनको सरकार अपोइन्ट ही इसलिए करती है ताकि वो लैंड का रियल टाइम डाटाबेस रखे कि कहा किसने क्या बनाया किसने कहा कौन सी खेती की लेकिन आप इस पुरे विवरण को देखकर बता सकते है की लेखपाल /पटवारी कैसे काम कर रहे है आप सोच सकते है पिछले 40 सालों में कितने लेखपाल /पटवारी आये और गये लेकिन रिकॉड में वही पुराना रिकॉड
40 साल पुराने मकानों को बताया अवैध
प्रार्थीगण ने आरोप लगाया कि जावेद तोमर पुत्र दिन्ना उर्फ मिन्ना ने अब अचानक दिनांक 21-03-2025 में डाक के माध्यम से एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें उनके 40 साल पुराने मकानों को “हाल ही में अवैध कब्जा” बताया गया है। यह तथ्य पूरी तरह गलत है, क्योंकि क्षेत्र में वर्षों से लोग रह रहे हैं, वोटर लिस्ट में नाम दर्ज हैं, और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी खसरा संख्या 510 में मकान बना है।
फ़र्जी व झूठा नोटिस और डराने की कोशिश
21 मार्च 2025 को जावेद तोमर ने अपने वकील के माध्यम से एक नोटिस भेजा जिसमें कहा गया कि शिकायतकर्ताओं का कब्जा अवैध है और हाल ही में हुआ है, जबकि सच्चाई यह है कि मकान 40 साल पहले बने थे। शिकायत में यह भी कहा गया कि नोटिस में जानबूझकर कब्जे को केवल 10 साल पुराना बताया गया ताकि कानूनी कार्यवाही का रास्ता आसान हो जाए।
फर्जी कृषि विवरण और लोन का भी आरोप
शिकायत में यह भी आरोप है कि अब उक्त भूमि खसरा सं0 510 रकबा 1.0370 हे0 स्थित ग्राम हथछोया परगना झिंझाना तहसील ऊन जिला शामली जावेद तोमर पुत्र दिन्ना उर्फ़ मिन्ना के नाम वारिस के आधार पर नकल खतौनी में दर्ज है व हाल खसरा में भी कृषि भूमि दर्शायी गई है उक्त भूमि में गन्ना , बाजरा , गेहूं दिखाया गया है जो गलत है , हकीकत में जावेद तोमर पुत्र दिन्ना उर्फ मिन्ना के पास लगभग 5 बीघा जमीन है जिसमें वह कृषि वगैरा करता है , और गन्ने की खेती तो उसमें भी लगभग 20–25 सालो से नहीं है जबकि उक्त भूमि में काफी लोगो द्वारा खरीदे गए मकान करीब 40 वर्ष पूर्व बने है व सभी के परिवार रह रहे है जो ग्राम पंचायत के रिकोर्ड में भी काफी वर्षों से दर्ज है व मकान नo के हिसाब से वोटर लिस्ट भी बनी हुई है व विधुत कनेक्शन भी सभी लोगो के हो रहे है जो नियमानुसार बिल दे रहे है उक्त भूमि का कुछ हिस्सा जावेद तोमर द्वारा बेच कर एक रिलायंस टावर भी लगवाया गया था है जिसको लेकर भी कंपनी के साथ विवाद कर उनसे भी फर्जी तरीके से पैसे ऐंठ लिए गए और अब वो टावर भी हटवा दिया। खसरा संख्या 510 को कृषि भूमि बताकर गन्ना, बाजरा और गेहूं की फसलें दर्शाई गई हैं, जबकि हकीकत में वहां मकान बने हुए हैं। आरोप है कि जावेद तोमर ने इस कृषि भूमि का इस्तेमाल कर सरकारी बैंकों से लोन लिया है और अन्य सरकारी योजनाओं से लाभ उठाया है, जो धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
मकान बने 40 साल पहले, रिकॉर्ड में अब भी कृषि भूमि
खसरा संख्या 510 पर दो तिहाई हिस्सा पर पूरी तरह से आबादी है – जहां करीब 40 साल पहले से मकान बने हुए हैं। यही नहीं, उस मोहल्ले में वोटर लिस्ट, बिजली कनेक्शन,गांव के लोगों ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत गांव के प्रत्येक घर में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन (FHTC – Functional Household Tap Connection) लगाए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान, और मस्जिद तक मौजूद है।
दोनों ओर सड़कें और रास्ते
खसरा 510 की सीमाओं में पूरब दिशा में सरकारी प्लॉट संख्या 569 सड़क/रास्ता है जो ग्राम हथछोया से होकर बुन्टा आदि गांवों की ओर जाता है। इसी पर ग्राम पंचायत द्वारा RCC की पक्की सड़क बनाई गई है। वहीं, पश्चिम में प्लॉट संख्या 507 है जिस पर जावेद तोमर का मकान स्थित है। उत्तर दिशा में मुख्य सड़क है, जबकि दक्षिण में कृषि भूमि है। इसके अलावा खसरा संख्या 510 के दोनों ओर रास्ते हैं, एक तरफ प्लॉट 569 और दूसरी ओर प्लॉट 521 रास्ता/सड़क खड़ंजा लगवाकर सड़क बनाई गई है। जिसकी दोनों और मकान बने है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह क्षेत्र अब पूर्णतः मोहल्ले की तरह विकसित हो चुका है।
ABTNews24 को सूत्रों से जानकारी मिली है कि रिलायंस कंपनी और जावेद तोमर पुत्र दिन्ना उर्फ़ मिन्ना के बीच भी इस टावर को लेकर विवाद हो चुका है और पैसे वसूलने के लिए जावेद ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इरशाद पुत्र जुहरा व इलयास पुत्र शरीफ से भी फर्जी तरीक़े से जोकि उनकी खरीदी गयी भूमि थी जिस पर उनके मकान बने थे इसी तरीक़े से ख़ाली करा ली गयी
कई परिवार प्रभावित, पर सिर्फ दो को नोटिस क्यों?
शिकायतकर्ताओं ने सवाल उठाया कि जब खसरा संख्या 510 पर कई परिवार रह रहे हैं, तो फिर सिर्फ उन्हें ही निशाना क्यों बनाया गया? यह दर्शाता है कि यह कार्यवाही द्वेषपूर्ण और पक्षपातपूर्ण है।
प्रधान रह चुकी है आरोपी की पत्नी
प्रार्थियों के अनुसार, जावेद तोमर की पत्नी राणो तोमर ग्राम हथछोया की पूर्व प्रधान रह चुकी हैं राणो तोमर पढ़ी लिखी नहीं है तो पंचायती काम जावेद तोमर व उसके लड़के करते थे और उन्होंने पंचायती योजनाओं का भी दुरुपयोग किया है।
प्रधानमंत्री शौचालय योजना में भी किया फर्जीवाड़ा, लोगों को बनाया शिकार
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि जावेद तोमर ने प्रधानमंत्री शौचालय योजना के अंतर्गत गरीब ग्रामीणों के नाम से फॉर्म भरवाए और उनके खातों में जब सरकारी अनुदान की राशि आई, तो कुछ रुपए देकर बाकी पैसे खुद निकाल लिए।
कई ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें केवल 1000 से 1200 रुपए थमा दिए गए और कहा गया कि “बाकी पैसे कागज़ी काम में खर्च हो गए।” हकीकत यह है कि योजना के तहत ₹12,000 तक की राशि आती है। इस तरह जावेद ने दर्जनों लोगों के नाम पर पैसे निकलवाकर सरकारी योजना का दुरुपयोग किया और सीधे तौर पर आर्थिक फ़ायदा ख़ुद लिया ।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि ज्यादतर लोग अनपढ़ है और ज्यादातर के घरों में शौचालय पहले से ही बने हुवे थे लेकिन उनके भी फ़र्जी तरीक़े से फॉर्म भरा दिए गये उन्हें योजना का लाभ मिला ही नहीं, लेकिन रिकॉर्ड में दिखाया गया कि शौचालय बन चुका है। इससे यह साफ़ होता है कि सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर किया गया है।
आरोप – जावेद तोमर का आपराधिक इतिहास और रसूख
प्रार्थियों ने आरोप लगाया है कि जावेद तोमर पुत्र दिन्ना उर्फ़ मिन्ना एक शातिर ,धोखेबाज किस्म का व्यक्ति है जो अर्जी फर्जी कारनामो से भोली भाली अनपढ़
जनता को डराकर ,धमकाकर और उनसे दबाव बनाकर राजनीतिक रूप में वोट लेने से लेकर धन ऐंठकर फर्जी कारनामे करता है व सरकार को भी धोखा धडी से धूल झोंकना के फ़िराक में रहता है यहां तक कि उसका बेटा भी पूर्व में लूटपाट के केस में जेल जा चुका है। जावेद तोमर के कई राजनीतिक और गैर-राजनीतिक संगठनों से संबंध हैं और वह अक्सर यह कहता है कि उनको ऐसा लगता है कि कानून और सरकारी अधिकारी तो उसकी मुट्ठी में है कि कई अधिकारी उसके करीबी हैं “कानून तो कागज़ मांगता है, और ज़मीन के कागज़ तो मेरे पास हैं।”
वह यह भी कहता है कि वह कुछ भी कर सकता है। इससे प्रार्थियों को अपने मकानों के छीने जाने और जान-माल का खतरा महसूस हो रहा है।
क्या मांग की गई है?
प्रार्थियों ने तहसील ऊन के SDM से निम्नलिखित माँग की है:
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खसरा संख्या 510 की मौके पर जांच: लेखपाल/कानूनगो से जाँच कराकर वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट मंगाई जाए ताकि सत्यता स्पष्ट हो सके।
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जांच और एफआईआर दर्ज: जावेद तोमर द्वारा बगैर बैनामा ज़मीन बेचने, फर्जीवाड़े से लोन लेने, सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठाने और लोगों को गुमराह करने धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग की निष्पक्ष जांच हो।आरोपों की निष्पक्ष जांच कर जो भी इसमे शामिल है सभी दोषियों पर FIR दर्ज कराकर क़ानूनी कारवाई की जाए।
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जान-माल की सुरक्षा: प्रार्थियों को उनके मकानों की रक्षा और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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न्याय दिलाया जाए: शिकायतकर्ताओं और अन्य प्रभावित परिवारों को ज़मीन के उनके वैध अधिकार मिले और न्याय दिलाया जाए।
ABTNews24 की टीम ने ग्राउंड पे जाकर आरोप पत्र में जो आरोंप लगाये गये है उसकी पुष्टि की लोगों से बातचीत की टीम ने सारी शिकायतों को सही पाया गावं में ज्यादातर लोग पढ़े लिखे नही है इसलिए जावेद तोमर उनको अपनी चालों और फर्जीवाड़े में आसानी से फसा लेता है
यह मामला न सिर्फ ग्रामीणों के अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे वर्षों पुराने मसले में दस्तावेजी तकनीक के जरिए आज के समय में गरीबों को न्याय पाने में दिक्कत होती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर सच्चाई को उजागर करे, ताकि न्याय मिल सके और भविष्य में इस तरह के धोखाधड़ी से लोग बच सकें।