UP Panchayat Elections 2026: उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। इस कड़ी में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) 18 अगस्त से 25 अगस्त तक घर-घर जाकर मतदाताओं के नाम जोड़ने और सूची को अपडेट करने का कार्य करेंगे। प्रयागराज के जिलाधिकारी (डीएम) मनीष कुमार वर्मा ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान
प्रयागराज में पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने बीएलओ को 18 अगस्त से शुरू होने वाले मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि बीएलओ को प्रत्येक घर में जाकर मतदाता सूची में नए मतदाताओं के नाम जोड़ने और पुराने नामों का सत्यापन करना होगा। इस प्रक्रिया को 25 अगस्त तक पूरा करना अनिवार्य है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन व्यक्तियों की आयु 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष या उससे अधिक हो चुकी होगी, वे मतदाता सूची में शामिल होने के पात्र होंगे। डीएम ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराएं, ताकि वे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।
शिकायत निवारण के लिए विशेष व्यवस्था
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने यह भी निर्देश दिए कि यदि 25 अगस्त तक किसी क्षेत्र में बीएलओ नहीं पहुंचते हैं या किसी मतदाता को कोई शिकायत है, तो वे व्यक्तिगत रूप से या फोन के माध्यम से जिलाधिकारी कार्यालय, जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत), या जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) से संपर्क कर सकते हैं। शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
यूपी में पंचायतों की स्थिति
उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव में 504 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं, जिसके बाद अब 57,696 ग्राम पंचायतों में मतदान होगा। नगरीय सीमा विस्तार के कारण कुछ ग्राम पंचायतों के वार्ड भी कम हुए हैं। इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए मतदाता सूची को अपडेट करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचने के लिए बीएलओ को ऑनलाइन आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया है। इसके लिए एनवीएसपी पोर्टल और वोटर हेल्पलाइन ऐप की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसके माध्यम से लोग आसानी से अपने दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। बीएलओ को मौके पर दस्तावेजों की जांच और सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।
युवाओं पर विशेष ध्यान
इस अभियान में विशेष रूप से उन युवाओं पर ध्यान दिया जा रहा है, जो 1 जनवरी 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे। डीएम ने बीएलओ को निर्देश दिए हैं कि वे युवाओं को मतदाता बनने के लिए जागरूक करें और उन्हें ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें। यह कदम लोकतंत्र में युवा भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
समयबद्ध कार्य योजना
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए समयबद्ध कार्ययोजना जारी की है। इसके तहत:
18 जुलाई से 13 अगस्त: मतदाता सूची की छपाई, बीएलओ और पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण, और कार्य क्षेत्र का आवंटन।
14 अगस्त से 29 सितंबर: बीएलओ द्वारा घर-घर सर्वे और मतदाता सूची का सत्यापन।
14 अगस्त से 22 सितंबर: ऑनलाइन वोटर पंजीकरण के लिए आवेदन।
23 सितंबर से 29 सितंबर: ऑनलाइन आवेदनों की जांच।
15 जनवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन।
डीएम की चेतावनी
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने साफ तौर पर कहा कि इस अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बीएलओ और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समयबद्ध तरीके से कार्य पूरा करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे।
लोकतंत्र की मजबूती के लिए कदम
यह अभियान न केवल मतदाता सूची को अपडेट करने का माध्यम है, बल्कि लोगों को अपने मताधिकार के प्रति जागरूक करने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। बीएलओ की जिम्मेदारी तकनीकी के साथ-साथ सामाजिक भी है, क्योंकि उन्हें लोगों को यह समझाना होगा कि पंचायत चुनाव लोकतंत्र की नींव हैं और इनका महत्व लोकसभा या विधानसभा चुनावों से कम नहीं है।