अब राशन कार्ड धारकों को कम मिलेगा चावल – नया नियम 1 नवंबर से लागू
भारत सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए 1 नवंबर से राशन में बदलाव किया है, जिससे अब चावल और गेहूं की मात्रा घटाकर समान कर दी गई है। यह बदलाव क्यों किए गए और इसका असर क्या होगा, आइए जानें।
राशन कार्ड योजना क्या है?
भारत सरकार उन लोगों की मदद के लिए राशन कार्ड योजना चलाती है जो अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने में कठिनाई का सामना करते हैं। इसके तहत जरूरतमंद लोगों को रियायती दरों पर चावल, गेहूं, और अन्य जरूरी चीजें दी जाती हैं। इससे लाखों लोग, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, कम खर्च में भोजन पा सकते हैं।
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क्या है नया नियम?
पहले राशन कार्ड धारकों को अलग-अलग मात्रा में चावल और गेहूं मिलता था, जैसे कि 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं। लेकिन नए नियम के अनुसार, अब सभी राशन कार्ड धारकों को ढाई किलो गेहूं और ढाई किलो चावल मिलेगा।
इसके अलावा, अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को अब हर महीने 18 किलो चावल और 17 किलो गेहूं मिलेगा। पहले अंत्योदय कार्ड धारकों को 30 किलो चावल और 14 किलो गेहूं मिलता था। यह बदलाव सरकार ने राशन की मांग और उपलब्धता के आधार पर किया है ताकि सभी तक समान रूप से खाद्यान्न पहुंच सके।
ई-केवाईसी अब ज़रूरी है
सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (KYC) को अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब है कि राशन कार्ड धारकों को अपनी पहचान और दस्तावेजों का डिजिटल सत्यापन करवाना होगा। पहले इसकी आखिरी तारीख 1 सितंबर थी, जिसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है। अगर 31 दिसंबर तक ई-केवाईसी पूरी नहीं हुई तो राशन कार्ड को रद्द कर दिया जाएगा, और राशन की सुविधा बंद हो सकती है।
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