BPSC ने विरोध प्रदर्शन के बीच कर दिया 68 उम्मीदवारों को बैन, जानिए आखिर इन्होंने किया क्या था?
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने हाल ही में शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE) के तीसरे चरण के 68 उम्मीदवारों को हमेशा के लिए बैन कर दिया। यह बैन उन पर गलत पहचान पत्र प्रस्तुत करने के कारण लगाया गया है। ये कार्रवाई उस वक्त की गई जब 16 दिसंबर को TRE के तीसरे चरण के परिणाम घोषित हुए। इन परिणामों में कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए 15,251 पदों पर चयनित उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए थे। वहीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के परिणाम 27 दिसंबर को जारी हुए।
क्या हुआ था? BPSC के द्वारा लगाए गए इस बैन को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इन 68 उम्मीदवारों पर आरोप था कि उन्होंने गलत पहचान पत्र के साथ परीक्षा में भाग लिया था। यह सब तब सामने आया जब आयोग ने इन उम्मीदवारों की पहचान की जांच की और गड़बड़ी का पता चला। इसके बाद BPSC ने तुरंत कड़ी कार्रवाई करते हुए इन सभी 68 उम्मीदवारों को आयोग की किसी भी आगामी परीक्षा में बैठने से हमेशा के लिए रोक दिया है।
आजीवन प्रतिबंध इस बैन का मतलब यह है कि इन 68 उम्मीदवारों को भविष्य में BPSC की कोई भी परीक्षा देने का मौका नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, वे किसी भी परीक्षा के लिए आवेदन भी नहीं कर सकेंगे। BPSC ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह कदम परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि इस प्रकार के कदाचार को सख्ती से रोका जाए ताकि आने वाले समय में किसी भी परीक्षा में इस तरह की धोखाधड़ी न हो। यह भी पढ़े : पटना बिजली विभाग में घूसखोरी का पर्दाफाश वरिष्ठ अधिकारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
16 दिसंबर को घोषित हुआ रिजल्ट TRE के तीसरे चरण का रिजल्ट 16 दिसंबर को जारी किया गया था। इस परीक्षा में कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए कुल 15,251 पदों पर नियुक्तियों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए थे। इन पदों में अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, संगीत, नृत्य, शारीरिक शिक्षा और अन्य विषयों के शिक्षक पद शामिल थे। इसके बाद, 27 दिसंबर को BPSC ने 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए TRE का परिणाम घोषित किया।
परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर हंगामा इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान और भी कई विवाद उठे थे। पहले, BPSC ने 65 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को रद्द कर दिया और 50 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर परिणाम जारी किए। इसके अलावा, पेपर लीक होने के कारण इस परीक्षा को पहले रद्द कर दिया गया था। बाद में, BPSC ने 19 से 22 जुलाई 2024 के बीच पुनः परीक्षा आयोजित की और इस बार आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि परीक्षा बिना किसी गड़बड़ी के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो।
आयोग का यह कदम कितना अहम है? BPSC का यह कदम किसी के लिए चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन परीक्षा की पारदर्शिता को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में किसी भी उम्मीदवार को गलत तरीके से चयनित न किया जाए, यह एक जरूरी कदम था। आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह कदम उम्मीदवारों और परीक्षा की निष्पक्षता के हित में उठाया गया है।
अब देखना यह होगा कि इस निर्णय के बाद BPSC की भविष्य में होने वाली परीक्षाओं पर इसका क्या असर पड़ेगा। ये रही वो सभी 68 BPSC उम्मीदवार की लिस्ट