Updated by Zulfam Tomar
दिल्ली के पूठ कलां गांव में एक दिल दहला देने घटना ने सबको चौंका दिया है। एक पिता पर अपनी दो नवजात जुड़वां बेटियों की हत्या का आरोप लगाया गया है। 30 मई को जन्मीं ये बच्चियां अब इस दुनिया में नहीं रहीं, और उनकी मां ने अपने पति और ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाया है। इस घटना की कहानी न केवल दिल को दहला देती है, बल्कि समाज के कुछ गंभीर पहलुओं पर भी सवाल उठाती है।
घटना की शुरुआत
30 मई को रोहतक में पूजा सोलंकी ने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया। यह खुशी का पल उनके परिवार के लिए बड़े उत्सव का अवसर होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्यवश, यह एक दुखद और दर्दनाक मोड़ ले लिया। जब बच्चियों का जन्म हुआ, तो उनके पिता नीरज सोलंकी और उनके ससुराल वाले खुश नहीं थे। यह असंतोष, जो अक्सर समाज में बेटियों को लेकर देखा जाता है, इस दर्दनाक घटना का कारण बना।
अस्पताल से छुट्टी और यात्रा
1 जून को, पूजा और उनकी बच्चियों को अस्पताल से छुट्टी मिली और वे अपने मायके रोहतक जाने की योजना बना रही थीं। हालांकि, नीरज ने उन्हें बताया कि वह बच्चियों के साथ एक अलग कार में यात्रा करेगा, जबकि पूजा अपनी कार में जाएंगी। नीरज ने पूजा से कहा कि वह उनकी कार के पीछे-पीछे आ रहा है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रहस्यमय बदलाव
जब पूजा का भाई जुगनू ने नीरज को फोन किया, तो उनका संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद, जुगनू ने नीरज के पिता विजेंद्र से संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि अगर नीरज पूठ कलां गांव आएगा, तो वह जानकारी देंगे। इस दौरान पूजा को बताया गया कि उनकी बेटियां अब जीवित नहीं हैं और उन्हें दफना दिया गया है। यह जानकारी उन्हें बेहद चौंकाने वाली और सदमे में डालने वाली थी।
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दफनाने की जानकारी
2 जून को, नीरज और उनके दादा ने बच्चियों को पूठ कलां गांव में दफना दिया। इस दफनाने के दौरान, श्मशान घाट के देखरेखकर्ता शिव कुमार ने बताया कि बच्चियों को उनके पिता और दादा ने दफनाया। यह जानकारी घटना की गंभीरता को और बढ़ाती है। 5 जून को, पुलिस ने बच्चियों के शवों को जमीन से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। यह कदम पुलिस की ओर से उठाया गया था ताकि इस दर्दनाक घटना की सच्चाई का पता लगाया जा सके।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
पुलिस ने पूजा सोलंकी का बयान दर्ज किया है और इस मामले में कुछ गंभीर आरोपों की जांच की जा रही है। पूजा ने अपने पति नीरज और ससुराल वालों पर दहेज के लिए उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है। शादी के बाद, पूजा का जीवन एक कठिन दौर से गुजर रहा था, जिसमें उनकी बेटियों के जन्म के बाद की घटना ने स्थिति को और जटिल बना दिया।
समाज की ओर से संदेश
इस घटना ने एक बार फिर समाज में बेटियों को लेकर मौजूद पूर्वाग्रहों को उजागर किया है। बेटों की तुलना में बेटियों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि पूरे समाज की सोच को भी प्रदूषित करता है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें समाज में बेटियों के प्रति अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है और महिलाओं की समानता के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
इस मामले की जांच जारी है और पुलिस द्वारा दोषियों को सजा दिलाने की उम्मीद की जा रही है। इस दर्दनाक घटना के माध्यम से, हमें समाज में संवेदनशीलता और सम्मान के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। हमें चाहिए कि हम हर किसी की मानवता को समझें और एक ऐसे समाज की दिशा में काम करें, जहां बेटियों को भी सम्मान और समान अवसर मिले।
यह घटना समाज के उन पहलुओं को उजागर करती है जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक बेहतर और संवेदनशील समाज के निर्माण के लिए यह जरूरी है कि हम इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाएं और बदलाव के लिए प्रयासरत रहें।