हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है, जिसमें कुल 9 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। इस सूची के साथ अब तक 29 उम्मीदवारों के नाम फाइनल हो चुके हैं। इससे पहले AAP ने 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। हालांकि, हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की बातचीत हो रही थी, लेकिन सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई।
AAP की दूसरी सूची: 9 नए उम्मीदवारों का ऐलान
आम आदमी पार्टी ने दूसरी सूची में 9 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इन उम्मीदवारों में साढौरा से रीता बामनिया, थानेसर से कृष्ण बजाज, इंद्री से हवा सिंह, रतिया से मुख्तियार सिंह बाजीगर, आदमपुर से एडवोकेट भूपेंद्र बेनीवाल, बारवाला से प्रोफेसर छतर पाल सिंह, बावल से जवाहर लाल, फरीदाबाद से प्रवेश मेहता और तिगांव से अबास चंदेला का नाम शामिल है।
गठबंधन की बातचीत असफल
हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की चर्चा चल रही थी। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। इस वजह से AAP ने अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी ने जातिगत समीकरणों के बजाय ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी है।
AAP की पहली सूची: 20 उम्मीदवारों का ऐलान
AAP ने अपनी पहली सूची में 20 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था। इन उम्मीदवारों में कलायत से अनुराग ढांडा, नारायणगढ़ से गुरपाल सिंह, पूंडरी से पूर्व मंत्री नरेंद्र शर्मा, घरौंडा से जयपाल शर्मा, असंध से अमनदीप जुंडला, समालखा से बिट्टू पहलवान, उचाना कलां से पवन फौजी, डबवाली से कुलदीप गदराना, रानिया से हैप्पी रानिया, भिवानी से इंदु शर्मा, महम से विकास नेहरा, रोहतक से बिजेंद्र हुड्डा, बहादुरगढ़ से कुलदीप छिक्कारा, बादली से रणबीर गुलिया, बेरी से सोनू अहलावत शेरिया, महेंद्रगढ़ से मनीष यादव, नारनौल से रविंद्र मटरू, बादशाहपुर से वीर सिंह सरपंच, सोहना से धर्मेंद्र खटाना और बल्लभगढ़ से रविंद्र फौजदार को मैदान में उतारा गया था।
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हरियाणा चुनाव की तैयारी
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं, जो 5 अक्टूबर को एक ही चरण में संपन्न होंगे। मतदान के तीन दिन बाद, 8 अक्टूबर को मतगणना होगी और नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनावी मैदान में विभिन्न दलों के उम्मीदवार अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ उतर रहे हैं। AAP ने ज़मीनी मुद्दों को केंद्र में रखते हुए अपने उम्मीदवारों का चयन किया है, जबकि अन्य दल जातिगत समीकरणों और स्थानीय राजनीतिक समीकरणों पर जोर दे रहे हैं।
AAP की रणनीति
AAP का यह कदम कांग्रेस के साथ गठबंधन की वार्ता विफल होने के बाद आया है, जो संकेत देता है कि पार्टी अपने दम पर चुनावी मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतरी है। उम्मीदवारों की सूची से स्पष्ट होता है कि पार्टी ने नए चेहरों के साथ-साथ अनुभव प्राप्त लोगों को मौका दिया है, ताकि ज़मीनी कार्यकर्ता विधानसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकें।
AAP ने कहा है कि वह जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने वाले लोगों को प्राथमिकता दे रही है, जो उसके ‘आम आदमी’ के नारे को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा है। हालाकि आम आदमी पार्टी ने भी अपनी चुनावी गणित को देखते हुए कैंडिडेट को टिकट दिया है।