घटना का परिचय
दिल्ली में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) की टीम ने एक बड़े जीएसटी फ्रॉड का पर्दाफाश किया है, जिसका अनुमानित मूल्य 1285 करोड़ रुपये बताया गया है। CGST अधिकारियों ने कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसके दौरान बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई। जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी कपिल अरोड़ा ने विदेशी उत्पादों जैसे महंगे आईफोन्स और अन्य उपकरणों की तस्करी कर इन्हें बिना जीएसटी के बेचा, जिससे सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ है।
CGST टीम की इस छापेमारी में न केवल कपिल अरोड़ा की गिरफ्तारी हुई, बल्कि उसके हवाला लिंक भी उजागर हुए, जो इस मामले को और भी गंभीर बना देते हैं। अधिकारियों ने उसके घर और ऑफिस पर छापेमारी के दौरान 2.05 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं, जिसमें 13 लाख रुपये की नकदी उसके ऑफिस से और बाकी उसके घर से बरामद हुई है।
कपिल अरोड़ा मुख्य आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
मुख्य आरोपी कपिल अरोड़ा, जो ‘अरोरा कम्युनिकेशन’ और ‘सेलफोन बदलो’ नाम से दो कंपनियों का मालिक है, इन कंपनियों की आड़ में विदेशों से महंगे उपकरणों की तस्करी करता था। CGST अधिकारियों ने करोलबाग के गफ्फार मार्केट में उसके ऑफिस और पूर्वी पटेल नगर स्थित उसके घर पर छापा मारा, जहाँ से नकदी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए। कपिल को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे आगे की पूछताछ की जा रही है।
कपिल ने अवैध तरीके से आईफोन्स और अन्य महंगे गैजेट्स की तस्करी कर उन्हें बिना GST के बाजार में बेचने का नेटवर्क खड़ा किया था। उसके द्वारा तस्करी किए गए महंगे उपकरण करोलबाग में उपलब्ध कराए जा रहे थे, जहाँ बड़ी संख्या में ग्राहक इन्हें खरीदने आते थे।
तस्करी का तरीका और अनियमितताएं
कपिल अरोड़ा और उसकी टीम ने एक संगठित योजना के तहत महंगे आईफोन्स और अन्य उपकरणों की तस्करी की। इन उत्पादों को चीन और दुबई से तस्करी कर लाया गया और करोलबाग में कम कीमत पर बेचा गया, जो पूरी तरह से अवैध था। इन उत्पादों पर GST और अन्य कर लागू नहीं किए गए, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।
कपिल का नेटवर्क एक व्यवस्थित तरीके से काम करता था, जिसमें हर व्यक्ति की जिम्मेदारी तय थी। ये तस्करी किए गए उपकरण करोलबाग के बाजार में इस तरह से बेचे जा रहे थे कि किसी को शक न हो, और कपिल ने अपने व्यापार को जीएसटी से दूर रखकर काफी मुनाफा कमाया।
हवाला लिंक और अन्य देशों के संपर्क
जांच में पता चला है कि कपिल का नेटवर्क न केवल भारत में सीमित है, बल्कि इसका संबंध विदेशों से भी है। उसके दुबई और चीन में भी संपर्क हैं, जिनकी मदद से तस्करी और धन का लेन-देन किया जा रहा था। कपिल हवाला नेटवर्क के जरिए विदेशों में पैसा भेजता था, जिससे उसकी अवैध कमाई को सफेद धन में तब्दील किया जा सके।
CGST ने इन हवाला लिंक की भी जांच शुरू कर दी है और उम्मीद है कि आगे की कार्रवाई में इससे जुड़े अन्य आरोपी भी सामने आएंगे। कपिल के दुबई में संपर्कों का पता लगाने के लिए एजेंसियां इंटरनेशनल लिंक को भी खंगाल रही हैं ताकि पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
कपिल अरोरा का कबीर तलवार के साथ संबंध
कपिल अरोड़ा का संबंध कबीर तलवार से भी है, जो ड्रग्स तस्करी के आरोप में पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की गिरफ्त में है। कबीर तलवार को 21,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स तस्करी में गिरफ्तार किया गया था। कबीर का दिल्ली में कई क्लबों का नेटवर्क था, और कपिल अरोड़ा उसका करीबी बताया जा रहा है।
इस संबंध की वजह से मामला और भी संगीन हो गया है। दोनों के बीच का यह संबंध इस बात का संकेत है कि कपिल अरोड़ा का नेटवर्क काफी प्रभावशाली है और इसके तार ड्रग्स और हवाला के मामलों से भी जुड़े हो सकते हैं। इस आधार पर अब जांच को प्रवर्तन निदेशालय (ED) और NIA को सौंपने पर विचार किया जा रहा है।
एजेंसियों की आगामी कार्रवाई और संभावित जांच
CGST ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे ED और NIA को सौंपने का प्रस्ताव रखा है। ED के पास धनशोधन और हवाला से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार है, और NIA को अंतरराष्ट्रीय मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। दोनों एजेंसियां कपिल अरोड़ा के विदेशों में लिंक और हवाला नेटवर्क की गहराई से जांच करेंगी।
अधिकारियों का मानना है कि कपिल के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए सभी एंगल से जांच जरूरी है ताकि उसके पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके। ED और NIA की आगामी जांच में कपिल की संपत्तियों की भी जांच होगी ताकि अवैध कमाई को जब्त किया जा सके।
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निष्कर्ष
CGST द्वारा की गई इस कार्रवाई ने एक बड़े तस्करी और हवाला नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें 1285 करोड़ रुपये के फ्रॉड और 2.05 करोड़ रुपये की नकदी की बरामदगी हुई है। कपिल अरोड़ा की गिरफ्तारी से यह साफ होता है कि अगर सरकार चाहे तो ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करके इस तरह के फ्रोड़ को रोक सकती है। एजेंसियों की आगामी कार्रवाई और जांच में और भी नाम सामने आ सकते हैं, जिससे तस्करी और हवाला के इस नेटवर्क का पूरी तरह से पर्दाफाश हो सकेगा।
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