महाराष्ट्र की सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सना अंसारी और उनके पति अजीम शेख, जो पालघर से पैदल हज यात्रा पर निकले थे, का गाजियाबाद के मोदीनगर में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा विरोध किया गया। सना और अजीम मार्च 2024 में पालघर से हज के लिए पैदल रवाना हुए थे और वे पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर होते हुए हज यात्रा करने जा रहे थे। लेकिन जब वे मोदीनगर पहुंचे, तो वहां कुछ लोगों ने उनकी यात्रा को लेकर सवाल खड़े कर दिए और उनसे अनुमति पत्र की मांग की गई।
कैसे हुआ विरोध?
1 मार्च से यात्रा पर निकले इस दंपति ने जब गाजियाबाद के मोदीनगर में प्रवेश किया, तो सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की। और बुधवार को गाजियाबाद के मोदीनगर पहुंचे। यहां उनके स्वागत के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग भी आए थे, लेकिन जब वे बुधवार देर शाम 6:00 /6:30 को दिल्ली-मेरठ मार्ग पर पहुंचे, तो कुछ लोगों ने उन्हें रोका और उनसे धार्मिक यात्रा के लिए अनुमति पत्र दिखाने की मांग की। उन लोगों का कहना था कि बिना प्रशासनिक अनुमति के इस तरह की यात्रा करना नियमों के खिलाफ है। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया और दोनों पक्षों के बीच बहस होने लगी।
पुलिस की दखल और दोनों पक्षों में हंगामा
सना और अजीम ने जब देखा कि स्थिति बिगड़ रही है, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस उन्हें मोदीनगर थाने लेकर गई, जहां दोनों पक्षों के लोग एकत्र हो गए। हिंदू जागरण मंच के नेता नीरज शर्मा भी अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और विरोध किया। इस दौरान दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया, जिससे पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।
सड़क पर लगा जाम
विवाद के कारण दिल्ली-मेरठ रोड पर यातायात बाधित हो गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्की लाठीचार्ज का सहारा लिया, ताकि सड़क को खाली कराया जा सके। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि दोनों समुदायों के लोग थाने के बाहर इकट्ठा होकर हंगामा करने लगे।
पुलिस का स्पष्टीकरण
पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को शांत करने के लिए दोनों पक्षों को समझाया। एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने स्पष्ट किया कि पैदल चलने के लिए किसी भी तरह की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। पुलिस ने बताया कि सना और अजीम अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं क्योंकि कानून के मुताबिक पैदल यात्रा पर किसी तरह की रोक नहीं है।
दंपति ने तहरीर देने से किया इनकार
हालांकि, दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने के बावजूद सना और अजीम ने पुलिस थाने में कोई तहरीर देने से इनकार कर दिया। वे सिर्फ अपनी यात्रा को बिना किसी विवाद के जारी रखना चाहते थे। पुलिस ने भी उन्हें उनकी यात्रा जारी रखने की अनुमति दी और स्थिति को संभाल लिया गया।
यह घटना बताती है कि धार्मिक यात्राओं को लेकर समाज में अब भी कुछ वर्गों में मतभेद और असहमति हो सकती है, लेकिन कानून के हिसाब से पैदल चलने पर किसी तरह की रोक या अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। सना अंसारी और उनके पति की यह पैदल यात्रा एक लंबा सफर है, जिसमें वे राज्य के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं।
सना अंसारी ने बताया कि वो 5 देशों से होकर 7500 किमी चलकर पैदल मक्का पहुंचेंगी सना, 1400 किमी चल चुकी जगह-जगह पर लोग उनका स्वागत कर रहे हैं
महाराष्ट्र के पालघर से पैदल हज यात्रा पर निकली 24 वर्षीय सना अंसारी और उनके पति अजीम शेख यह यात्रा वाघा बॉर्डर होते हुए पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत और सऊदी अरब से होकर जून 2025 मे मक्का और मदीना तक पहुंचेगी, जिसका कुल सफर 7500 किमी है। अब तक वो लगभग 1500 किमी का सफर तय कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना 25 से 30 किमी पैदल चल रहे हैं। सना ने कहा कि हज यात्रा करके देश में खुशलाली अमन-चैन की दुआ में करेगी। विभिन्न मुस्लिम और समाजसेवी संगठनों के सदस्य सना और अजीम का स्वागत कर रहे हैं।
केरल के सियाज 2023 में भी पैदल हज यात्रा कर चुके हैं सना ने बताया कि उन्होंने उनसे ही प्रेरणा ली