पटना बिजली विभाग में घूसखोरी का पर्दाफाश वरिष्ठ अधिकारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

Zulfam Tomar
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बिहार के बिजली विभाग में घूसखोरी का खुलासा

पटना में स्थित सचिवालय के बिजली विभाग में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। इस घटना ने बिजली विभाग और जनता के बीच हो रहे भ्रष्टाचार के खेल को फिर से उजागर कर दिया है। निगरानी विभाग ने कार्रवाई करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

कौन है आरोपी?

सचिवालय के बिजली विभाग के मुख्य अधिकारी (COS) अखिलेश कुमार इस पूरे प्रकरण के मुख्य आरोपी हैं। उन्हें घूस लेते हुए पकड़ा गया है। यह घूस की रकम मामूली नहीं थी। निगरानी विभाग ने उन्हें 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह रकम सिर्फ पहली किस्त थी, जबकि कुल रिश्वत की मांग 90,000 रुपये की गई थी।

किस्तों में मांगी गई रिश्वत

मामला और भी दिलचस्प तब हो गया जब यह जानकारी मिली कि रिश्वत की पूरी रकम तीन हिस्सों में दी जानी थी। पहली किस्त 30,000 रुपये थी, जिसे देते वक्त ही अखिलेश कुमार को निगरानी विभाग ने धर दबोचा। इस पूरे घटनाक्रम में यह साफ हो गया कि किस तरह से विभागीय अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और किस तरह जनता के काम में रोड़ा बनकर उनसे अवैध तरीके से धन की उगाही की जा रही है।

कहां हुई कार्रवाई?

यह कार्रवाई पेसू (Patna Electric Supply Undertaking) के पटना क्षेत्र में हुई। निगरानी विभाग की टीम ने एक पहले से तैयार योजना के तहत आरोपी को घूस लेते हुए पकड़ने में सफलता हासिल की। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई के दौरान विभाग की टीम पूरी तरह सतर्क थी और सबूतों के साथ अधिकारी को पकड़ने की रणनीति बनाई गई थी।

कैसे हुआ घूसखोरी का खुलासा?

इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि रिश्वतखोरी का यह प्रकरण तभी सामने आया जब एक शिकायतकर्ता ने निगरानी विभाग को सूचना दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि अधिकारी ने उससे 90,000 रुपये की घूस की मांग की है। निगरानी विभाग ने तुरंत योजना बनाते हुए मामले की तहकीकात शुरू कर दी। योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 30,000 रुपये देने का तय हुआ, ताकि अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा जा सके।

जनता के लिए क्या संदेश?

इस घटना से एक बार फिर यह बात स्पष्ट होती है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जनता का सहयोग बेहद जरूरी है। निगरानी विभाग तभी सक्रिय हो सकता है जब लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और विभाग को समय पर सूचना दें। यह घटना भी उसी जागरूकता का नतीजा है, जिसने एक वरिष्ठ अधिकारी को कानून के शिकंजे में पहुंचाया। यह भी पढ़े : TRAI अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, सीबीआई ने की कार्रवाई

बिजली विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें

पटना और बिहार के अन्य हिस्सों में बिजली विभाग से जुड़े भ्रष्टाचार की शिकायतें नई नहीं हैं। उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन दिलाने से लेकर बिल में गड़बड़ी ठीक कराने तक के लिए रिश्वतखोरी की शिकायतें अक्सर सुनने को मिलती हैं। कई बार विभागीय अधिकारी मनमाने तरीके से पैसे की मांग करते हैं और आम लोग मजबूरी में उन्हें पैसे देने को तैयार हो जाते हैं।

इस गिरफ्तारी के बाद क्या होगा?

इस गिरफ्तारी के बाद निगरानी विभाग की आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। अधिकारी अखिलेश कुमार से पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने अब तक कितने मामलों में रिश्वत ली है और उनके खिलाफ और कौन-कौन से मामले लंबित हैं। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि इस घूसखोरी में उनके साथ और कौन-कौन से कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।

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