” सरकार का 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी,40 लाख रोजगार : बड़े वादे और चुनौतियों के बीच सफलता की कसौटी”

Updated by Zulfam Tomar 

भारत सरकार ने हाल ही में देश में 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है, बल्कि भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना भी है। इस लेख में, हम इस योजना के विभिन्न पहलुओं का आलोचनात्मक विश्लेषण करेंगे, जिसमें इसके आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय प्रभावों पर भी विचार किया जाएगा।

औद्योगिक स्मार्ट शहरों की अवधारणा: आवश्यकता और महत्व

औद्योगिक स्मार्ट शहरों की अवधारणा आधुनिक समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है। शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के बढ़ते दबाव के बीच, पारंपरिक शहरों में संसाधनों की कमी, ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में स्मार्ट शहर, जो विशेष रूप से उद्योगों और रोजगार सृजन के लिए डिज़ाइन किए गए हों, न केवल इन समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं, बल्कि वे अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।

स्मार्ट शहरों के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जहां उद्योगों को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं, बिजली, पानी, संचार, और परिवहन सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें। इस प्रकार के शहरों में “प्लग-एन-प्ले” और “वॉक-टू-वर्क” की अवधारणा पर जोर दिया जाएगा, जो न केवल उद्योगों की उत्पादकता में सुधार करेगा, बल्कि श्रमिकों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा।

नीचे प्रेस रिलीज कर लिंक दिया हुआ है,👇👇

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 वित्तीय निवेश और अपेक्षित परिणाम

इस परियोजना के तहत 28,602 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई गई है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करना है। यह निवेश न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में असमानताओं को भी कम करेगा।

हालांकि, इस योजना के क्रियान्वयन में कई चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। जैसे कि इतने बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता, भूमि अधिग्रहण की कठिनाइयाँ, और पर्यावरणीय चिंताएं। इन सभी मुद्दों का समाधान करना जरूरी है, ताकि यह योजना पूरी तरह सफल हो सके।

उद्योगिक कॉरिडोर: रणनीतिक महत्व

इस योजना के तहत 6 प्रमुख औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे, जिनमें अमृतसर-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई, विजाग-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु, हैदराबाद-नागपुर और चेन्नई-बेंगलुरु कॉरिडोर शामिल हैं। ये कॉरिडोर न केवल विभिन्न शहरों और राज्यों को आपस में जोड़ेंगे, बल्कि इन क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण की नई लहर भी लाएंगे।

इन कॉरिडोर का विकास एक रणनीतिक कदम है, जो देश के विकास को एक नई दिशा देगा। ये कॉरिडोर न केवल औद्योगिक इकाइयों को एक मजबूत आधार प्रदान करेंगे, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगे।

स्मार्ट शहरों का डिजाइन और अवसंरचना

औद्योगिक स्मार्ट सिटी file photo
औद्योगिक स्मार्ट सिटी file photo

इन स्मार्ट शहरों का डिज़ाइन विशेष रूप से उद्योगों के लिए किया जाएगा। इन्हें “ग्रीनफील्ड” शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें आधुनिक सुविधाएं, स्मार्ट ग्रिड, 24×7 पानी और बिजली की आपूर्ति, और हाई स्पीड इंटरनेट जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

स्मार्ट शहरों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे, जिसमें ग्रीन बिल्डिंग्स, सोलर पावर, और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम शामिल होंगे। इन शहरों का डिज़ाइन ऐसा होगा कि यहां रहने वाले लोगों को उनके कार्यस्थल से नजदीकी पर ही आवास उपलब्ध हो, जिससे यातायात की समस्या को भी कम किया जा सके।

234 नए शहरों में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत: एक नई पहल

बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अहम निर्णय लिया, जिसके तहत 234 नए शहरों में निजी एफएम रेडियो चैनलों की स्थापना की मंजूरी दी गई। यह पहल निजी एफएम रेडियो के तीसरे चरण की नीति के तहत की गई है, जहां 730 चैनलों के लिए ई-नीलामी आयोजित की जाएगी। इस नीलामी के लिए शुरुआती आरक्षित मूल्य लगभग 784.87 करोड़ रुपये तय किया गया है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने एफएम चैनलों के वार्षिक लाइसेंस शुल्क को सकल राजस्व के 4% पर सीमित करने का निर्णय लिया है, जिसमें जीएसटी को शामिल नहीं किया जाएगा। यह नई व्यवस्था उन शहरों और कस्बों में लागू होगी, जहां अब तक निजी एफएम रेडियो सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं।

इस निर्णय से 234 नए शहरों में एफएम रेडियो की पहुँच सुनिश्चित होगी, जिससे वहां के नागरिकों को स्थानीय भाषाओं में समाचार और मनोरंजन के नए विकल्प मिलेंगे। इसके साथ ही, इस पहल से स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को भी बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। इन नए एफएम चैनलों के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाओं को एक मंच मिलेगा, जिससे वे अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन कर सकें।

नई एफएम चैनलों की शुरुआत के साथ, उन शहरों और कस्बों में संचार के नए द्वार खुलेंगे, जो अब तक इस सेवा से वंचित थे। इस कदम से न केवल स्थानीय मीडिया को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि देश के कोने-कोने में रहने वाले लोगों को भी लाभ होगा।

PM GatiShakti मास्टर प्लान और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी

PM GatiShakti मास्टर प्लान के अंतर्गत, इन स्मार्ट शहरों को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। इसका मतलब यह है कि इन शहरों में सड़क, रेल, हवाई, और जल मार्ग की सुविधाएं एक साथ उपलब्ध होंगी।

यह कनेक्टिविटी न केवल उद्योगों को अपने उत्पादों को तेजी से और सस्ते में बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगी, बल्कि इन शहरों में रहने वाले लोगों के लिए भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी। इससे न केवल देश के आर्थिक विकास में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्रीय असमानताओं को भी कम किया जा सकेगा।

ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में एक कदम

इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना है। सरकार का मानना है कि इन औद्योगिक स्मार्ट शहरों के माध्यम से भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग चेन में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया जा सकता है।

हालांकि, इसके लिए सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जैसे कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा, निवेशकों का विश्वास, और आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता। इसके अलावा, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना के तहत सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरी हों।

सरकार का दावा रोजगार के अवसर: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष

इस योजना के तहत 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह रोजगार न केवल औद्योगिक क्षेत्र में, बल्कि सेवा क्षेत्र, कंस्ट्रक्शन, और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में भी उत्पन्न होंगे।

यह एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर उन राज्यों के लिए जो अभी तक औद्योगिकीकरण की दौड़ में पिछड़े हुए हैं। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये रोजगार किस प्रकार के होंगे और इनमें स्थानीय लोगों की भागीदारी कितनी होगी।

औद्योगिक स्मार्ट शहरों के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव

जब भी कोई बड़ी औद्योगिक परियोजना शुरू होती है, तो उसके सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन करना आवश्यक होता है। इस योजना के तहत, भूमि अधिग्रहण, विस्थापन, और पर्यावरणीय प्रदूषण जैसे मुद्दे सामने आ सकते हैं।

सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना के क्रियान्वयन के दौरान स्थानीय समुदायों के हितों की रक्षा की जाए और पर्यावरणीय मानकों का पालन किया जाए। इसके लिए, सरकार को प्रभावी नीतियां और नियम बनाने होंगे, ताकि यह योजना दीर्घकालिक और सतत विकास के लक्ष्यों को पूरा कर सके।

 कृषि और जलविद्युत क्षेत्र में निवेश का विस्तार

इस योजना के अलावा, सरकार ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और पूर्वोत्तर राज्यों में जलविद्युत परियोजनाओं के विकास की भी घोषणा की है। इन क्षेत्रों में निवेश से न केवल कृषि और ऊर्जा क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।

पिछले प्रोजेक्ट्स का अनुभव: सरकार ने पहले भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे, जिनमें से कई अब तक अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सके हैं। 2015 में शुरू की गई स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 100 शहरों में विकास कार्य किए जाने थे, लेकिन उनमें से कई शहर अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इस नई औद्योगिक स्मार्ट सिटी योजना के लिए जो वादे किए जा रहे हैं, क्या वे पिछले अनुभवों से सीख लेकर किए गए हैं? अगर नहीं, तो इस योजना के भी अधूरे रह जाने की संभावना हो सकती है।

हम इन घोषणाओं का समय के साथ विश्लेषण करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि सरकार कैसे ये निवेश देश के समग्र विकास में योगदान देंगे। 

औद्योगिक स्मार्ट शहरों की यह योजना भारत के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियां भी होंगी, जिन्हें सरकार को प्रभावी तरीके से सुलझाना होगा।

इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार इन शहरों के विकास में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखती है या नहीं। इसके अलावा, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट सिर्फ़ कागजीफाइल ना बनकर  रह जाए, बल्कि इन शहरों का विकास सतत और समावेशी हो ताकि भारत वास्तव में एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बन सके।

यह भी पढ़ें – “यूपी सरकार की नई सोशल मीडिया नीति: राष्ट्रविरोधी पोस्ट पर उम्रकैद, इन्फ्लुएंसर्स को मिलेंगे लाखों के विज्ञापन”

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